अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस : तू बोलेगी मुंह खोलेगी, तभी जमाना बदलेगा
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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस : तू बोलेगी मुंह खोलेगी, तभी जमाना बदलेगा

डॉ. सुरभि सिंह ने कहा कि आज की लड़की को निगरानी नहीं जानकारी की जरूरत है ताकि वह अपनेआप को सुरक्षित रख सके.

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर सच्ची सहेली संस्था द्वारा जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया

नई दिल्ली : आज 11 अक्टूबर को भारत समेत पूरे देश में अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया. लड़कियों और महिलाओं को जागरूक करने के मकसद से दिल्ली में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. बच्चियों के स्वास्थ्य पर काम कर रहे एक गैर सरकारी संस्थान 'सच्ची सहेली' और दिल्ली सरकार ने मिलकर महिलाओं और लड़कियों कि सुरक्षा के विषय पर एक जागरूकता एवं प्रशिक्षण वर्कशॉप का आयोजन किया.  

'सच्ची सहेली' की संचालिका डॉ. सुरभि सिंह ने बताया कि दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण के सहयोग से 'निगरानी नही जानकारी चाहिए' विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया. डॉ. सुरभि सिंह ने बताया कि आज के समाज में जब लड़कियों का बाहर निकलना लगभग जरूरी हो गया
है, चाहे वे नौकरी के लिए हो या बच्चों के लिए स्कूल या मार्किट जाना हो, वहां कोई भी अभिभावक लड़कियों को हर वक़्त निगरानी के दायरे में नहीं रख सकते. 

उन्होंने कहा कि आज की लड़की को निगरानी नहीं जानकारी की जरूरत है ताकि वह अपनेआप को सुरक्षित रख सके और यदि उसके साथ कुछ गलत हो भी रहा हो तो जानकारी के अभाव में उसे सहती न रहें, बल्कि उसका डटकर मुकाबला करे.

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इस मौके पर शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और अन्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने लड़कियों को विभिन्न क्षेत्र में मिलने वाले अधिकारों की जानकारी दी. दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण के सचिव जस्टिस संजीव जैन ने कहा कि आज इतने कानून लड़कियों की सुरक्षा के लिए बने हैं कि अगर उनके बारे में बच्चियों को सही जानकारी दी जाए तो समाज में उनके प्रति होने वाले शोषण में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि एक समाज के रूप में हमें महिलाओं और लड़कियों कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकसाथ आना होगा. साथ ही सभी संस्थाओं व अधिकारियों को भी साथ आना चाहिए. उप-निदेशक (शिक्षा) डॉ. नीरज ने शिक्षा के प्रति बच्चियों के अधिकारों पर रोशनी डाली. 

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