यदि पार्टी चाहेगी तो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लडूंगी: किरण बेदी
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यदि पार्टी चाहेगी तो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लडूंगी: किरण बेदी

बीजेपी में शामिल होने के एक दिन बाद किरण बेदी ने गुरुवार को कहा कि यदि पार्टी चाहेगी तो वह आम आदमी पार्टी प्रमुख और पूर्व अन्ना टीम के अपने सहयोगी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेंगी।

यदि पार्टी चाहेगी तो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लडूंगी: किरण बेदी

नई दिल्ली : बीजेपी में शामिल होने के एक दिन बाद किरण बेदी ने गुरुवार को कहा कि यदि पार्टी चाहेगी तो वह आम आदमी पार्टी प्रमुख और पूर्व अन्ना टीम के अपने सहयोगी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेंगी।

राजनीति में शामिल नहीं होने के अपने रुख में बदलाव के लिए आप की आलोचनाओं को खारिज करते हुए किरण बेदी ने कहा कि वह अपनी पसंद तय करने के लिए स्वतंत्र हैं और मोदी के नेतृत्व के कारण उनकी ‘विरक्ति’ खत्म हो गयी है। आगामी विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतरने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव हमेशा पार्टी का फैसला होता है। मैं उनके फैसले के अनुसार चलूंगी। यदि वे चाहते हैं कि मैं उनके खिलाफ लड़ूं तो मैं लडूंगी। क्योंकि उन्हें मुझसे अधिक बेहतर पता है। वे मुझे हारने के लिए नहीं लेकर आए हैं, वे मुझे जीतने के लिए लेकर आए हैं। आप ने कल उनके भाजपा में शामिल होने को ‘सदमा पहुंचाने वाला’ करार दिया था।

पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा था कि यह दुखद है और आश्चर्य में डालने वाला भी है कि बेदी भाजपा में शामिल हो गई हैं जिन्होंने कहा था कि वे हमेशा गैर राजनीतिक रहकर लोगों के मुद्दे उठाती रहेंगी। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी बेदी पर हल्के फुल्के अंदाज में कटाक्ष करते हुए कहा था कि उन्होंने भी किरण बेदी को राजनीति में आने के लिए मनाने की कोशिशें की थीं।

बेदी ने केजरीवाल के इस कटाक्ष का आज जवाब देते हुए कहा कि मैं बीती बातों में नहीं जाना चाहती। मैं वर्तमान में हूं और भविष्य की ओर देख रही हूं। मुझे अपनी पसंद तय करने का अधिकार है और कोई इस पर सवाल नहीं उठा सकता। मैं अपनी जिंदगी को अपनी इच्छा के अनुसार जीना चाहती हूं। गौरतलब है कि केजरीवाल और बेदी कार्यकर्ता अन्ना हजारे की कोर टीम का हिस्सा थे जिन्होंने संसद में जनलोकपाल विधेयक को पारित कराने का दबाव बनाने के लिए व्यापक आंदोलन चलाया था। केजरीवाल के राजनीतिक दल गठित करने के फैसले के बाद बेदी और केजरीवाल के रास्ते 2012 में अलग अलग हो गए थे।

बेदी ने आज कहा कि मैं यहां जीतने या हारने के लिए नहीं हूं। मैं यहां यह देखने के लिए हूं कि पार्टी जीते। यदि मैं जीतती हूं तो मैं शानदार हूं और यदि नहीं जीतती हूं तब भी मैं जीत में हूं। मेरे पास करने के लिए बहुत कुछ है। बेदी ने हालांकि इन सवालों का कोई जवाब नहीं दिया कि क्या भाजपा में उनकी एंट्री से खेल की दिशा बदलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि समय बताएगा। हमें दिल्ली में एक स्थिर सरकार की जरूरत है। एक साल बीत चुका है और हमने बड़ी कीमत चुकाई है। पिछले साल लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुरू होने के बाद से अपने ट्विटर पोस्ट के जरिए मोदी की सराहना और भाजपा को समर्थन दे रही बेदी ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन से मेरा मन बदला। जिस तरीके से नरेन्द्र मोदी दुनिया को बदल रहे हैं। जिस तरीके से अप्रवासी भारतीय देश में निवेश करने के लिए आ रहे हैं और जिस तरीके से देश की उम्मीदों में नयी जान आयी है, विरक्ति चली गयी है।

65 वर्षीय बेदी को कल यहां पार्टी मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्रियों अरुण जेटली तथा हषर्वर्धन की मौजूदगी में भाजपा में शामिल किया गया।

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