सुनंदा पुष्‍कर मौत की जांच के लिए एसआईटी का गठन, शशि थरूर से पूछताछ संभव: दिल्‍ली पुलिस
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सुनंदा पुष्‍कर मौत की जांच के लिए एसआईटी का गठन, शशि थरूर से पूछताछ संभव: दिल्‍ली पुलिस

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने एक एसआईटी का गठन किया गया है। यानी सुनंदा पुष्कर मौत मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया है।

सुनंदा पुष्‍कर मौत की जांच के लिए एसआईटी का गठन, शशि थरूर से पूछताछ संभव: दिल्‍ली पुलिस

नई दिल्‍ली : कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। यानी सुनंदा पुष्कर मौत मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। गौर हो कि दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया है। वहीं, सुनंदा के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं और इस मामले में उनसे पूछताछ की जा सकती है।

दिल्ली पुलिस के प्रमुख बीएस बस्सी ने बुधवार को यहां बताया कि हमने सुनंदा पुष्कर मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है। उन्होंने शशि थरूर से पूछताछ की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि मामले की जांच के लिए जो भी जरूरी होगा, किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि सुनंदा की मौत के करीब एक वर्ष बाद हत्या का मामला क्यों दर्ज किया गया, बस्सी ने कहा कि एम्स की अंतिम रिपोर्ट के कारण एफआईआर दर्ज करना जरूरी हो गया था ताकि सुनंदा के विसरा के नमूने आगे की जांच के लिए विदेश भेजे जा सकें। अब दिल्ली पुलिस सुनंदा की रहस्यमय स्थिति में हुई मौत के सिलसिले में हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बाद उनके विसरा नमूनों को विदेश भेजने की तैयारी कर रही है। ऐसा संदेह है कि रेडियोधर्मी तत्व पोलोनियम 210 के कारण उनकी मौत हुई। सुनंदा के विसरा नमूने को ब्रिटेन या अमेरिका की किसी प्रयोगशाला में भेजेगी ताकि जहर की पहचान की जा सके। इसके साथ ही यह पता लगाया जा सके कि क्या यह कोई रेडियोधर्मी तत्व तो नहीं था जिसकी भारतीय प्रयोगशालों में पहचान नहीं हो सकी। जिस जहर (पोलोनियम 210) से सुनंदा की हत्‍या की बात सामने आ रही है उसकी जांच विदेश में ही संभव है। पुलिस को शक है कि यह जहर दुबई से यहां लाया गया। सूत्रों के अनुसार, बताया जा रहा है कि सुनंदा की हत्‍या में पोलोनियम 210 नामक जहर का इस्‍तेमाल किए जाने की आशंका है। विसरा की जांच में एफबीआई की मदद भी ली जा सकती है।

उन्होंने कहा कि जब हम भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एक मामला दर्ज करते हैं तो इसका मतलब यह है कि हमारे पास इस बात पर विश्वास करने के प्रथम दृष्टया कारण हैं कि यह हत्या का मामला है। दिल्ली पुलिस ने सुनंदा की मौत के मामले में कल एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया था। रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि उनकी मौत अप्राकृतिक है और यह जहर के कारण हुई, लेकिन अभी तक किसी को संदिग्ध नहीं बनाया गया है। एफआईआर में भी किसी का नाम नहीं है। जांचकर्ताओं ने सुनंदा के विसरा नमूने को ब्रिटेन या अमेरिका की प्रयोगशाला में भेजने का निर्णय किया है ताकि जहर की पहचान की जा सके, साथ ही यह भी पता लगाया जा सके कि क्या वह रेडियोधर्मी समस्थानिक (आइसोटोप) है जिसकी पहचान भारतीय प्रयोगशालाओं में नहीं की जा सकती है।

सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस के दल ने केरल के तिरूवनंतपुरम में एक अस्पताल का दौरा किया जहां सुनंदा को दिल्ली में एक पंचसितारा होटल में मौत से कुद दिनों पहले भर्ती कराया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दल ने उन डाक्टरों से मुलाकात की जिन्होंने सुनंदा का उपचार किया था। दल ने डाक्टरों से सुनंदा की बीमारी के बारे में पूछा और मेडिकल रिकार्ड देने को कहा। सूत्रों ने कहा कि एसआईटी थरूर, उनके रिश्तेदारों और निजी कर्मचारियों के साथ उस पंच सितारा होटल के कर्मचारियों से भी पूछताछ कर सकती है जहां सुनंदा पिछले वर्ष 17 जनवरी को मृत पाई गई थीं। दल होटल के डाक्टर से भी पूछताछ करेगा जिसने सुनंदा को मृत घोषित किया था और होटल के सीसीटीवी फुटेज को देखेगा। सुनंदा के मोबाइल फोन और लैपटाप की फारेंसिक रिपोर्ट का भी मूल्यांकन किया जाएगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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