गोपाल बागले ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चीन यात्रा के दौरान किसी तरह के समाधान निकलने की उम्मीद के बारे में पूछे गये सवाल का भी जवाब नहीं दिया.
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नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार (27 जुलाई) को फिर इस बात को दोहराया कि कूटनीतिक रास्तों से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच के मौजूदा टकराव को सुलझाने की कोशिश जारी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, ‘मुझे लगता है कि आप अनुमान लगा रहे हैं. मैं आपको सीधा जवाब नहीं दूंगा...कूटनीतिक रास्ते हैं. हमारे (भारत और चीन दोनों के) दूतावास काम कर रहे हैं. दूतावास विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं, जो विदेश मंत्री के तहत काम करता है.’ उनसे पूछा गया था कि भारत और चीन के विदेश मंत्री आपस में बात क्यों नहीं कर रहे हैं.
Diplomatic channels that are there continue to function: Gopal Baglay, MEA on India-China relations pic.twitter.com/g3djvWF5X0
— ANI (@ANI_news) July 27, 2017
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चीन यात्रा के दौरान किसी तरह के समाधान निकलने की उम्मीद के बारे में पूछे गये सवाल का भी जवाब नहीं दिया. बागले ने कहा कि उनकी यात्रा ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक से संबंधित है. गौरतलब है कि डोकलाम क्षेत्र में चीन की सेना द्वारा सड़क बनाने की कोशिश को भारतीय सेना द्वारा रोके जाने के बाद 16 जून से ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है.
मंगोलिया के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति खाल्तम बत्तुलगा की संभावित भारत यात्रा के बारे में प्रवक्ता से पूछा कि क्या उन्हें चीन को ध्यान में रखकर आमंत्रित किया गया है तो बागले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई संदेश भेजा है. बागले ने कहा कि उनकी यात्रा के तारीखों पर काम किया जा रहा है. उन्होंने साथ ही कहा कि किसी भी देश के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों का ताल्लुक किसी भी तीसरे देश से नहीं है.