पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की सोशल मीडिया से व्यापक पहुंच बनाने की योजना
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पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की सोशल मीडिया से व्यापक पहुंच बनाने की योजना

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय अपनी एजेंसियों द्वारा की जाने वाली मौसम से जुड़ी भविष्यवाणियां मुश्किल से 20-25 प्रतिशत लोगों तक ही पहुंच पाने की समस्या को देखते हुए सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने की योजना बना रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जा सके। मंत्रालय ने अपने तहत आने वाले संस्थानों से कहा है कि वे लोगों तक पहुंच बनाने के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करें।

नयी दिल्ली: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय अपनी एजेंसियों द्वारा की जाने वाली मौसम से जुड़ी भविष्यवाणियां मुश्किल से 20-25 प्रतिशत लोगों तक ही पहुंच पाने की समस्या को देखते हुए सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने की योजना बना रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जा सके। मंत्रालय ने अपने तहत आने वाले संस्थानों से कहा है कि वे लोगों तक पहुंच बनाने के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करें।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा, ‘पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्ष वर्धन की ओर से निर्देश मिलने के बाद हमने सोशल मीडिया को ज्यादा इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। एक तीसरे पक्ष की ओर से किए गए आकलन के जरिए हमने पाया कि हमारे पूर्वानुमान महज 20-25 प्रतिशत लोगों तक ही पहुंच पाते हैं और हम इस मोर्चे पर सुधार के लिए प्रयास कर रहे हैं।’ 

भारतीय मौसम विभाग, सुनामी के अलर्ट जारी करने वाले इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशेन इंफॉर्मेशन सर्विसेज जैसे कई संस्थान और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटीरिअलॉजी जनता से सीधे तौर पर जुड़ाव रखने वाले मुद्दों पर अनुसंधान करते हैं। अपना काम सोशल मीडिया पर डालकर वे अपने अनुसंधानों को जनता तक पहुंचा सकेंगे।

राजीवन ने कहा कि मंत्रालय के पास कृषि सेवाएं भी हैं, जिनके तहत किसान अपने सेल फोन नंबरांे को एक पोर्टल पर पंजीकृत करवा सकते हैं और फिर वे मौसम एवं कृषि से जुड़े एसएमएस प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि इसके जरिए सिर्फ 10 प्रतिशत किसानों तक ही पहुंचा जा सका। उन्होंने कहा, ‘हमने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वे इसे आगे लेकर जाएं और इसे एक बड़ा आंदोलन बनाएं। महाराष्ट्र सरकार ने 60 लाख से ज्यादा किसानों के पंजीकरण में मदद की है।’ उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत सामाजिक वैज्ञानिकों और सोशल मीडिया के विशेषज्ञों के साथ ब्रेनस्टॉर्मिंग का सत्र आयोजित किया जाएगा।

पिछले माह भारतीय मौसम विभाग ने मौसम, वायु गुणवत्ता एवं भूकंप से जुड़ी जानकारी के प्रसार के लिए तीन ट्विटर अकाउंट शुरू किए। एट आईएमडी-वेदर ट्विटर अकाउंट के 1500 से ज्यादा फॉलोवर्स हैं और इसपर हर रोज नियमित अंतराल पर देश के विभिन्न क्षेत्रों में मौसम की परिस्थितियों के बारे में अपडेट जारी किए जाते हैं।

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