जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से पकड़े गए आतंकवादी उस्मान उर्फ नावेद ने खुफिया एजेंसियों के सामने कई अहम खुलासे किए हैं। जानकारी के मुताबिक, पूछताछ के दौरान नावेद ने कई बार अपना बयान बदला है। नावेद ने अपने मिशन और प्लान का पूरा चिट्ठा खुफिया एजेंसियों के सामने खोला है।
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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से पकड़े गए आतंकवादी उस्मान उर्फ नावेद ने खुफिया एजेंसियों के सामने कई अहम खुलासे किए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूछताछ के दौरान आतंकी नावेद ने कई बार अपना बयान बदला है। इस दौरान उसने अपने मिशन और योजना का पूरा चिट्ठा खुफिया एजेंसियों के सामने खोला है। रिपोर्ट के मुताबिक इस आतंकी हमले और उसकी प्लानिंग को लेकर कुछ अहम तथ्य सामने आए है।
आतंकियों ने कैसे किया बॉडर क्रास?
रिपोर्ट के मुताबिक पकड़े गए आतंकी उस्मान ऊर्फ नावेद ने शुरुआती पूछताछ में पुंछ-राजौरी सीमा से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की बात कही। इसके बाद उसने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि उसने अपने साथियों के साथ कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा से नियंत्रण रेखा को पार किया। इसके तुरंत बाद नावेद ने अपना बयान बदलते हुए कहा कि उन लोगों ने बारामूला जिले से भारत में प्रवेश किया।
लश्कर के तीन अन्य साथियों के साथ सीमा पार की
नावेद ने सबसे पहले सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि उसने अपने साथी मोहम्मद नोमान के साथ भारतीय सीमा में प्रवेश किया। नावेद ने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि उसने लश्कर-ए-तैयबा के तीन अन्य हथियारबंद आतंकियों के साथ तन्मार्ग सीमा से झाड़ियां काटकर नियंत्रण रेखा पार की। नावेद ने कहा कि नियंत्रण रेखा पार करने के दौरान उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि वहां से भारतीय चौकियां कुछ ही दूरी पर स्थित हों।
नावेद ने पूछताछ में बताया कि उसने ईद से दो महीने पहले भी अपने साथियों के साथ मिलकर घुसपैठ की थी। वहीं, खुफिया एजेंसियों का मानना है कि नावेद और उसके चार संदिग्ध साथी मई के अंतिम सप्ताह या फिर जून के पहले सप्ताह में पाकिस्तान से भारत आए होंगे।
लश्कर के टॉप कमांडर ने दिया हमले के संभावित क्षेत्रों का ब्यौरा
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के फैसलाबाद के रहने वाले नावेद ने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मुजफ्फराबाद में 21 दिन की बेसिक और 3 महीने की एडवांस ट्रेनिंग ली। इसके बाद सभी आतंकवादी तन्मार्ग से बारामुला के बाबा ऋषि इलाके में पहुंचे। यहां सभी आतंकी दो दिनों तक रहे। यहीं सभी आतंकवादियों से लश्कर के टॉप कमांडर हमजा ने मुलाकात की और उन्हें जम्मू से हमला किए जा सकने वाले संभावित क्षेत्रों की जानकारी दी गई। इसके बाद आतंकवादी अवंतीपुरा में शिफ्ट हुए और वहां से पुलवामा गए। नावेद ने बताया कि वो लोग दो महीने तक कश्मीर में छिपे रहे।
ये थी नावेद की प्लानिंग
नावेद ने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि उनका ग्रुप दो भागों में बंटा और वह अपने साथी नोमान के साथ दक्षिणी कश्मीर के खुलगाम की तरफ रवाना हुआ। वहां से वह नोमान के साथ अनंतनाग जिले के खुदवानी में गए। यह क्षेत्र जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से 3 किलोमीटर की दूरी पर है और पूर्व में आतंकी घटनाओं के लिए कुख्यात रहा है। नावेद ने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि 3 अगस्त को खुदवानी में लश्कर-ए-तैयबा के एक उच्च कमांडर ने उनसे मुलाकात की। लश्कर के इसी कमांडर ने नावेद और नोमान को अमरनाथ यात्रा और बीएसएफ के काफिले पर हमला करने के लिए कहा। उसी रात दोनों ट्रक से उधमपुर के लिए रवाना हुए। नावेद का कहना है कि ट्रक ड्राइवर ने उन्हें उधमपुर जिले के नरसू में उतारा।
कुछ इस तरह से किया हमला
मोहम्मद नावेद का कहना है कि उसने और नोमान ने बीएसएफ के काफिले पर हमला करने के लिए हाईवे के पास इंतजार किया। लेकिन, सेना और सीआरपीएफ काफिले के गुजरने की वजह से उन्होंने हमला नहीं किया। इसके बाद जैसे ही बीएसएफ का काफिला वहां से निकला उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। नावेद ने कहा कि उसकी योजना बीएसएफ के जवानों को बंधक बनाने की थी, लेकिन इसमें वह कामयाब नहीं हो सके।