दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर आलोक वर्मा ने सीबीआई डायरेक्टर का पदभार संभाल लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सीबीआई डायरेक्टर पद के लिए वर्मा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी। वर्मा दो साल तक सीबीआई चीफ रहेंगे। वह अनिल सिन्हा की जगह लेंगे। वर्मा के अलावा तीन और आईपीएस अफसर सीबीआई डायरेक्टर पद की दौड़ में शामिल थे, जिनमें वर्मा सबसे वरिष्ठ थे।
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर आलोक वर्मा ने सीबीआई डायरेक्टर का पदभार संभाल लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सीबीआई डायरेक्टर पद के लिए वर्मा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी। वर्मा दो साल तक सीबीआई चीफ रहेंगे। वह अनिल सिन्हा की जगह लेंगे। वर्मा के अलावा तीन और आईपीएस अफसर सीबीआई डायरेक्टर पद की दौड़ में शामिल थे, जिनमें वर्मा सबसे वरिष्ठ थे।
बीते 2 दिसंबर से सीबीआई निदेशक का पद खाली था। सरकार ने 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को बतौर इंचार्ज डायरेक्टर बनाया था।
एजीएमयूटी कैडर के 1979 बैच के अधिकारी आलोक वर्मा तिहाड़ जेल के महानिदेशक के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के अलावा दिल्ली पुलिस में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इनमें डीसीपी (साउथ), जेसीपी (क्राइम ब्रांच), जेसीपी (नई दिल्ली रेंज), स्पेशल पुलिस कमिश्नर (इंटेलिजेंस) और स्पेशल पुलिस कमिश्नर (विजिलेंस) शामिल हैं।
Delhi: Former Delhi Police Commissioner Alok Verma takes charge as new CBI chief pic.twitter.com/OJjpk3DePa
— ANI (@ANI_news) February 1, 2017
सीबीआई डायरेक्टर पद की दौड़ में वर्मा के अलावा सशस्त्र सीमा बल की डायरेक्टर अर्चना रामासुंदरम, गृह मंत्रालय के स्पेशल सेक्रटरी रूपक कुमार दत्ता और महाराष्ट्र के डीजीपी सतीश माथुर भी शामिल थे।
वर्मा इससे पहले कभी सीबीआई का हिस्सा नहीं रहे, जबकि बाकी के तीनों अफसर सीबीआई में रह चुके हैं। पीएम मोदी की अध्यक्षता में सिलेक्शन पैनल की मीटिंग में वर्मा के नाम पर आम सहमति नहीं बन सकी थी।
सिलेक्शन पैनल में प्रधानमंत्री के अलावा लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे. एस. खेहड़ शामिल थे। खड़गे ने वर्मा के नाम पर यह कहकर आपत्ति जताई थी कि उन्होंने इससे पहले कभी सीबीआई में काम नहीं किया है, लेकिन सरकार ने इस आपत्ति को तरजीह नहीं दी।