राज्यसभा में सोमवार को कई सदस्यों ने कुछ टीवी चैनलों पर निशाना साधा और उन पर तनाव भड़काने, सांप्रदायिक आधार पर मतभेद कायम करने जैसे आरोप लगाए।
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नई दिल्ली : राज्यसभा में सोमवार को कई सदस्यों ने कुछ टीवी चैनलों पर निशाना साधा और उन पर तनाव भड़काने, सांप्रदायिक आधार पर मतभेद कायम करने जैसे आरोप लगाए।
कश्मीर की स्थिति पर राज्यसभा में हुयी अल्पकालिक चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हालांकि वह प्रेस की आजादी के समर्थक हैं लेकिन टेलीविजन चैनलों पर हाल में हुयी कुछ बहस देश की एकता के लिए खतरा बन गए हैं।
उन्होंने कश्मीर की स्थिति से संबंधित टेलीविजन कवरेज पर निराशा जतायी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ प्राइम टाइम शो में देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का प्रयास किया गया। उन्होंने टीवी चैनलों पर प्रसारित बहस को तनाव भड़काने वाला भी करार दिया।
आजाद ने तारेक फतह और तस्लीमा नसरीन जैसे विदेशी लेखकों पर भी माहौल को खराब करने के लिए निशाना बनाया।
उन्होंने साफ किया कि वह अखबारों पर दोषारोपण नहीं कर रहे हैं क्योंकि सामान्य रूप से उनकी खबरों में संतुलन रहता है लेकिन कुछ चैनलों ने देश में बहस के स्तर को गिरा दिया है।
जदयू नेता शरद यादव ने भी चर्चा में भाग लेते हुए इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वह इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर काबू पाने में नाकाम रही है जो लगातार अलगाववादियों सहित विभिन्न लोगों के आपत्तिजनक बयान दिखाते रहते हैं।
उन्होंने सवाल किया कि इस प्रकार के प्रसारण के लिए अनुमति दिए जाने पर भी सवाल किया।