केरल: बाढ़ में फंसे लोगों और उनके परिजनों के लिए जरूरी खबर, कोच्चि से शुरू हुई हवाई सेवा
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केरल: बाढ़ में फंसे लोगों और उनके परिजनों के लिए जरूरी खबर, कोच्चि से शुरू हुई हवाई सेवा

सोमवार सुबह बेंगलूरू से एयर इंडिया का पहला विमान यहां आया और साढ़े आठ बजे लौट गया. राज्य की राजधानी और एर्नाकुलम के बीच रेल सेवाएं भी धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

तिरुवनंतपुरम: कोच्चि स्थित नौसेना के हवाईअड्डे से व्यावसायिक विमानों का परिचालन सोमवार से शुरू हो गया. सोमवार सुबह एयर इंडिया का पहला विमान बेंगलूरू से यहां पहुंचा. भारी बारिश और बाढ़ के चलते कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर परिचालन 26 अगस्त तक बंद है ऐसे में नौसेना के हवाईअड्डे से छोटे विमानों का संचालन किया जा रहा है. सोमवार सुबह बेंगलूरू से एयर इंडिया का पहला विमान यहां आया और साढ़े आठ बजे लौट गया. राज्य की राजधानी और एर्नाकुलम के बीच रेल सेवाएं भी धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं.

एर्नाकुलम तथा तिरुवनंतपुरम और अलापुजा तथा कोट्टयम के बीच चल रही रेलगाड़ियां बाढ़ प्रभावित लोगों से खचाखच भरी हैं. भारी बारिश के कारण आठ अगस्त के बाद से राज्य में 210 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 7.14 लाख लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा है. मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का नया क्षेत्र बना है. हालांकि इसका केरल पर कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा.

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राज्य में अगले पांच दिन में बारिश में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि राज्य सरकार अब पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करेगी. दक्षिण पश्चिमी मानसून (एक जून से 19 अगस्त) के दौरान केरल में बहुत अधिक बारिश हुई है. मौसम विभाग के अनुसार केरल में 2346.6 मिमी बरसात हुई है जबकि सामान्य आंकड़ा 1649.5 मिमी है.

केरल में बाढ़ में मरने वालों की संख्या 210 हुई
केरल पर कहर बरपाने वाली मॉनसूनी बारिश से जुड़ी घटनाओं में आज 13 और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही राज्य में पिछले 10 दिनों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 210 हो गई. वहीं, पड़ोसी कर्नाटक और तमिलनाडु भी बाढ़ की चपेट में हैं. कर्नाटक के कोडागू जिले में आज तक 3500 से अधिक लोगों को बचाया गया है. वहां बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में पिछले कुछ दिनों में छह लोगों की मौत हुई है. उधर, तमिलनाडु में कावेरी समेत बड़ी नदियां उफान पर हैं. नदी तटों से लगे निचले इलाके जलमग्न हैं.

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दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के कहर का सामना कर रहे केरल में मूसलाधार बारिश की वजह से विस्थापित लोगों की संख्या मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 7.24 लाख बताई. उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रभावित लोगों को बचा लिया गया है और अब सरकार का ध्यान उनके पुनर्वास पर होगा. राज्य में 29 मई को मॉनसून के आगमन के बाद से कुल मिलाकर बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक तकरीबन 400 लोगों की मौत हुई है. इससे राज्य के पर्यटन उद्योग को काफी झटका लगा है. बाढ़ में हजारों एकड़ जमीन पर खड़ी फसल तबाह हो गई है और आधारभूत संरचना को भारी क्षति पहुंची है.

राज्य में ऊंचाई वाले इडुक्की, मलप्पुरम, त्रिशूर और एर्नाकुलम जिले बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हैं. इसकी वजह से मुल्लापेरियार बांध और इडुक्की जलाशयों को खोला गया है, इसलिये अन्य जलाशय भी बाढ़ का अनुप्रवाह पैदा कर रहे हैं. केरल के ज्यादातर हिस्सों को आज बारिश से राहत मिली. वहां पिछले तकरीबन दो हफ्ते से वस्तुत: लगातार बारिश हो रही थी. कई जिलों से रेड अलर्ट को हटा लिया गया है.

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