जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, वित्‍त मंत्री जेटली बोले- इस बिल से सभी को फायदा होगा
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जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, वित्‍त मंत्री जेटली बोले- इस बिल से सभी को फायदा होगा

महत्वपूर्ण कर सुधारों वाला जीएसटी विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल पर लगभग सभी राजनीति दलों ने अपना समर्थन जाहिर किया है और इस समय लोकसभा में इस बिल पर चर्चा जारी है। 1991 के बाद सबसे बड़े आर्थिक सुधारों की शुरूआत करने वाला जीएसटी विधेयक निचले सदन में आसानी से पारित हो जाने की संभावना है। लोकसभा में विधेयक पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल हो सकते हैं। 

जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, वित्‍त मंत्री जेटली बोले- इस बिल से सभी को फायदा होगा

नई दिल्ली : महत्वपूर्ण कर सुधारों वाला जीएसटी विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल पर लगभग सभी राजनीति दलों ने अपना समर्थन जाहिर किया है और इस समय लोकसभा में इस बिल पर चर्चा जारी है। 1991 के बाद सबसे बड़े आर्थिक सुधारों की शुरूआत करने वाला जीएसटी विधेयक निचले सदन में आसानी से पारित हो जाने की संभावना है। देश को दुनिया के सबसे बड़े एकल बाजार में परिवर्तित करने के लिए एक समान मूल्य वर्धित कर प्रणाली वाला यह विधेयक विभिन्न राज्यों के विभिन्न करों का स्थान लेगा। लोकसभा में विधेयक पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल हो सकते हैं। 

लाइव अपडेट :-

- जीएसटी बिल पर अरुण जेटली बोले- इससे सभी को फायदा होगा।

- जीएसटी बिल से कई तरह के टैक्‍स से छुटकारा मिलेगा।

- सभी राज्‍यों से आम सहमति बनाने की कोशिश की गई है।

- टैक्‍स की जटिलताओं को दूर करने की कोशिश, वन नेशन, वन टैक्‍स लागू करना चाहते हैं।

- जीएसटी विधेयक पर वित्‍त मंत्री ने चर्चा की शुरुआत की।

- जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश।

विधेयक को लोकसभा ने पिछले साल पारित किया था और अब राज्यसभा की ओर से अनुमोदित संशोधनों को शामिल करने के लिए इसे वापस लोकसभा में लाया गया है। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनकी पार्टी जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करेगी और उसने अपने सभी सांसदों को आज सदन में मौजूद रहने के लिए व्हीप जारी किया है जहां इसे पारित करने के लिए लाया गया है।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जल्द लागू कराने का मकसद लेकर चल रहे वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने राजग शासित सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात कर यह सुनिश्चित करने कहा है कि संविधान संशोधन को राज्य विधानसभाएं जितना जल्द संभव हो, उनका अनुमोदन कर दें। मुख्यमंत्रियों ने आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर वे विधेयक को अपनी अपनी विधानसभाओं में पारित कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे। संसद की ओर से पारित किए जाने के 30 दिन के भीतर जीएसटी को कम से कम 16 राज्यों की मंजूरी मिलना जरूरी है। विधेयक पर करीब एक साल तक कड़े विरोध का सामना करने के बाद सरकार कांग्रेस समेत सभी प्रमुख विपक्षी दलों को साथ लाने में कामयाब हो गयी और 3 अगस्त को भारी बहुमत से उच्च सदन ने इसे पारित कर दिया था। जीएसटी को लागू करने के लिए आधार तैयार करने संबंधी संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 को विपक्षी बहुमत वाले उच्च सदन में सरकार द्वारा चार संशोधन पेश किए जाने के बाद पारित किया गया था।

जीएसटी के एक बार लागू होने के बाद सभी बाकी कर जैसे उत्पाद कर, सेवा कर, चुंगी और अन्य शुल्क समाप्त हो जाएंगे और इससे होने वाले राजस्व को केंद्र तथा राज्यों के बीच साझा किया जाएगा। नए जीएसटी कानून के तहत वस्तुओं पर कर उपभोग के स्तर पर लगाया जाएगा। इससे पहले उत्पादों वस्तुओं पर कर विभिन्न स्तर पर और भिन्न भिन्न तरीके से लगाया जाता था।

करीब एक दशक पहले जीएसटी का पहली बार प्रस्ताव पेश किया गया था और इसे भारत की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने वाली व्यवस्था के रूप में देखा जा रहा है । यहां तक संभावनाएं जतायी जा रही हैं कि इससे जीडीपी में दो फीसदी अंकों की वृद्धि होगी और साथ ही कारोबार करना सरल होगा एवं विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। यह भी संभावना जतायी जा रही है कि इससे कर कानूनों का बेहतर अनुपालन होगा और सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी।

कांग्रेस नेता और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन किया है और सिंधिया का कहना है कि सरकार के लिए किसी तरह से कर की अधिकतम दर तय करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। यह इसके गुण-दोषों के आधार पर है। जीएसटी देश के लिए महत्वपूर्ण है। पार्टी संशोधनों के साथ विधेयक का समर्थन करेगी जिन्हें लेकर सत्तारूढ़ पार्टी ने हमें आश्वस्त किया है। बुधवार को 122वें संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा में पारित किया गया। इसमें देश में एक कर प्रणाली के रूप में जीएसटी लागू करने के लिए संविधान में संशोधन किया जा रहा है।

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