गुजरात के Gay प्रिंस ने LGBT लोगों के लिए खोले अपने महल के दरवाजे...
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गुजरात के Gay प्रिंस ने LGBT लोगों के लिए खोले अपने महल के दरवाजे...

मानवेंद्र सिंह समलैंगिकों और ट्रांसजेन्डर्स के लिए अपने पैलेस की 15 एकड़ जमीन पर बिल्डिंग बनावा रहे हैं ताकि वह लोग यहां पर आराम से रह सके, जिन्हें समलैंगिकता के कारण अपना परिवार छोड़ना पड़ा हो. 

गुजरात के 'गे' प्रिंस कहे जाते हैं मानवेंद्र सिंह गोहिल (फेसबुक/मानवेंद्र सिंह)

नई दिल्लीः गुजरात के राजपीपला के ‘गे’ राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल ने एक अनोखी पहल की है. मानवेंद्र ने अपने पैलेस की 15 एकड़ जीमन को एलजीटीबी लोगों के लिए खोल दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मानवेंद्र सिंह समलैंगिकों और ट्रांसजेन्डर्स के लिए अपने पैलेस की 15 एकड़ जमीन पर बिल्डिंग बनावा रहे हैं ताकि वह लोग यहां आराम से रह सके, जिन्हें समलैंगिकता के कारण अपना परिवार छोड़ना पड़ा हो. 

  1. गुजरात के 'गे' प्रिंस कहे जाते हैं मानवेंद्र सिंह गोहिल
  2. अपने पैलेस में समलैंगिक लोगों के लिए बनवा रहे हैं बिल्डिंग
  3. शिक्षा और नौकरी दिलाने के लिए करेंगे प्रयास

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पढाई, मेडिकल की सुविधा
अपने पैलेस के दरवाजे गे लोगों के लिए खोलने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मानवेंद्र सिंह ने कहा कि वो इस बात को जानते हैं कि कभी किसी बच्चे के पिता नहीं बन पाएंगे. इसलिए अब वो अपने पैसे और पैलेस की जीमन को सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहते हैं. आगे बोलते हुए मानवेंद्र ने कहा पैलेस में इन लोगों को ना सिर्फ रहने के लिए जगह दी जाएगी बल्कि आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा. मानवेंद्र ने मीडिया से कहा कि ज्यादातर समलैंगिक लोगों को नौकरी पाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए पैलेस में इन लोगों को अंग्रेजी बोलने और लिखने की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वह सभी अच्छी नौकरी पा सके.

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संवैधानिक पीठ करेगा फैसला 
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दो वयस्कों के बीच परस्पर सहमति से होने वाले यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिये दायर याचिका सोमवार को संविधान पीठ के पास भेज है. सोमवार को हुई सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा था कि भारतीय दंड संहित की धारा 377 से उठे इस मुद्दे पर वृहद पीठ द्वारा विचार करने की आवश्यकता है.

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भारतीय दंड संहिता की धारा 377 ‘अप्राकृतिक अपराधों’ का हवाला देते हुए कहती है कि जो कोई भी किसी पुरूष, महिला या पशु के साथ प्रकृति के विपरीत यौनाचार करता है तो इस अपराध के लिये उसे उम्र कैद की सजा होगी या एक निश्चित अवधि जो दस साल तक बढ़ाई जा सकती है और उस पर जुर्माना भी लगाया जायेगा. अब इस मामले पर संवैधानिक पीठ सुनवाई करेगी.

कौन है मानवेंद्र सिंह गोहल
मानवेंद्र सिंह गोहिल गुजरात के राजपीपला के राजकुमार हैं. वो दुनिया के पहले ऐसे शख्स हैं जिन्होंने राजघराने से सरोकार रखते हुए दुनिया के सामने अपने 'गे' होने की बात को स्वीकार किया था. गे होने बात को सारी दुनिया के सामने स्वीकार करने के बाद मानवेंद्र को काफी विरोधों का सामना करना पड़ा था. लोगों ने जगह-जगह उनके पुतले भी जलाए यहां तक की घरवालों ने परिवार से उन्हें बदखल तक कर दिया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सबकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया.

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