गुजरात चुनाव 2017: EVM पर ऊंगली उठाने वालों को नीतीश ने दिया ये जवाब
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गुजरात चुनाव 2017: EVM पर ऊंगली उठाने वालों को नीतीश ने दिया ये जवाब

गुजरात में दो चरणों में 182 सीटों पर हुए चुनाव में 68.41 फीसदी मतदान हुआ. 2012 के विधानसभा चुनाव में 71.32 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. वर्ष 2012 में भाजपा ने 115 सीट जीती थीं. कांग्रेस को 61 सीटों पर जीत मिली थी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर ऊंगली उठाने वालों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने में ईवीएम की अहम भूमिका है. उन्होंने रविवार (17 दिसंबर) को एक ट्वीट में ईवीएम की तारीफ में कहा, 'हार के डर से चुनाव में ईवीएम की आलोचना जो कर लें लेकिन ईवीएम के प्रयोग से चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष हुआ है. अब मतदान के अधिकार से कोई किसी को वंचित नहीं कर सकता है.' उल्लेखनीय है कि न्यूज चैनलों की ओर से गुजरात चुनाव और हिमाचल चुनाव एग्जिट पोल के नतीजे, जिसमें सत्ताधारी भाजपा को बहुमत मिलता दिखाया गया है, प्रसारित करने के बाद कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने ईवीएम की हैकिंग की आशंका जाहिर की है.

  1. गुजरात में दो चरणों में 182 सीटों पर हुए चुनाव में 68.41 फीसदी मतदान हुआ.
  2. 2012 के विधानसभा चुनाव में 71.32 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.
  3. वर्ष 2012 में भाजपा ने 115 सीट जीती थीं. कांग्रेस को 61 सीटों पर जीत मिली थी.

गुजरात चुनाव: हैकिंग की शिकायत के बाद EVM के पास वाई-फाई सेवा पर रोक

हार्दिक ने रविवार (17 दिसंबर) को ट्विटर पर लिखा था, ‘यदि भगवान की ओर से बनाए गए मानव शरीर से छेड़छाड़ हो सकती है तो ईवीएम से क्यों नहीं हो सकती, उसे तो इंसान ने ही बनाया है? यदि एटीएम को हैक किया जा सकता है तो ईवीएम को क्यों नहीं?’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पाटीदार बहुल एवं राज्य के जनजातीय इलाकों में ईवीएम के ‘सोर्स कोड’ का इस्तेमाल कर उन्हें हैक करने की कोशिशें हुई हैं. हार्दिक ने बीते 16 दिसंबर को एक ट्वीट में यह दावा भी किया था कि अहमदाबाद स्थित एक कंपनी के 150 सॉफ्टवेयर इंजीनियर 5,000 ईवीएम हैक करने की तैयारी में हैं.

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इससे पहले बीते 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात विधान सभा चुनाव में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम में डाले गये मतों के साथ ही कम से कम 20 प्रतिशत कागज की पचिर्यों की इसके साथ ही गणना करने का आग्रह करते हुए दायर राज्य कांग्रेस की याचिका पर विचार से इंकार कर दिया था.

शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इसमें उस समय तक हस्तक्षेप नहीं कर सकता जब तक निर्वाचन आयोग का ईवीएम-वीवीपीएट कागज की पर्ची को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदान केन्द्र तक सीमित करने का निर्णय ‘मनमाना’, ‘गैरकानूनी’ अथवा ‘दुर्भावनापूर्ण’ साबित नहीं हो जाये.

गुजरात में दो चरणों में 182 सीटों पर हुए चुनाव में औसतन 68.41 फीसदी मतदान हुआ. इस बार मतदान में 2012 के विधानसभा चुनावों की तुलना में 2.91 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है. पिछले विधानसभा चुनाव में 71.32 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. वर्ष 2012 में भाजपा ने 115 सीट जीती थीं. कांग्रेस को 61 सीटों पर जीत मिली थी.

पहले चरण का मतदान
गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए बीते 9 दिसंबर को सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात के 19 जिलों के 89 सीटों पर 66.75 प्रतिशत मतदान हुआ था. इन सीटों पर कुल 977 उम्मीदवार अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं. इस फेज में 2.12 करोड़ मतदाताओं में से 1.41 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. आदिवासी बहुल नर्मदा जिले में सर्वाधिक 79.15 फीसदी मतदान हुआ, जबकि सौराष्ट्र क्षेत्र की देवभूमि-द्वारका सीट पर सबसे कम 59.39 फीसदी मतदान हुआ. आयोग ने बताया कि जहां 12 जिलों में 70 फीसदी से कम मतदान हुआ, वहीं सात जिलों में 70 फीसदी मतदान हुआ.

पहले चरण के मतदान से पहले मोदी ने करीब 15 रैलियों को संबोधित किया, वहीं गांधी ने सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में सात दिन से ज्यादा गुजारते हुए कई रैलियों को संबोधित किया. मुख्य चुनावी रणनीतिकार भाजपा प्रमुख अमित शाह ने भी रैलियों को संबोधित करते हुए खासतौर पर कांग्रेस और उसके नेताओं पर निशाना साधा.

भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों - अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी प्रचार के लिए उतारा. कांग्रेस की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा सचिन पायलट जैसे महत्वपूर्ण नेताओं ने मतदाताओं के सामने अपनी पार्टी का पक्ष रखा.

दूसरे चरण का मतदान
गुजरात विधानसभा चुनाव के तहत दूसरे और अंतिम दौर में बीते 14 दिसंबर को उत्तरी और मध्य गुजरात में 14 जिलों के 93 सीटों पर 69.99 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जिसमें कुल 851 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस चरण में 2.22 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. भाजपा के खिलाफ जाति आधारित समीकरण बैठाने की जुगत में कांग्रेस ने हार्दिक पटेल, ठाकोर और मेवानी का सहारा लिया है जो पाटीदारों, अन्य पिछड़ा वर्ग और दलितों की ओर से युवा तुर्क बनकर उभरे हैं. इस चुनाव को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले की परीक्षा माना जा रहा है. गुजरात विधानसभा चुनाव मोदी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न हैं और राहुल के लिए अग्निपरीक्षा हैं. 

चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में मोदी ने तीखा हमला बोला था और पालनपुर में एक रैली के दौरान आरोप लगाया था कि पाकिस्तान गुजरात चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने दावा किया था कि मणिशंकर अय्यर द्वारा उन्हें ‘नीच’ कहे जाने के एक दिन पहले कुछ पाकिस्तानी अधिकारियों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच मुलाकात हुई. हालांकि, मनमोहन सिंह ने मोदी से कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.

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