कांग्रेस को गुजरात में एक और झटका, तीन विधायकों ने दिया इस्तीफा
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कांग्रेस को गुजरात में एक और झटका, तीन विधायकों ने दिया इस्तीफा

विधायक बलवंतसिंह राजपूत, तेजश्रीबेन पटेल और प्रहलाद पटेल के इस्तीफे से 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 54 रह गयी है.

कांग्रेस उम्मीदवार को जीत के लिये कम से कम 47 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. (फाइल फोटो)

अहमदाबाद: राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले गुजरात में कांग्रेस को एक और झटका देते हुये शंकर सिंह वाघेला के करीबी माने जाने वाले पार्टी के तीन विधायक गुरुवार (27 जुलाई) भाजपा में शामिल हो गए. वहीं, भगवा पार्टी ने फौरन ही उनमें से एक को कांग्रेस के अहमद पटेल के खिलाफ राज्यसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. राज्य में अगले महीने राज्यसभा के लिए चुनाव होना है. विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक बलवंतसिंह राजपूत, तेजश्रीबेन पटेल और प्रहलाद पटेल के इस्तीफे के बाद 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 54 रह गयी है.

राजपूत, तेजश्रीबेन पटेल और प्रहलाद पटेल ने सदन से और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया है. बाद में वे गांधीनगर में भाजपा के दफ्तर गए और और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए. तीनों विधायकों ने गांधीनगर में अपने इस्तीफे का पत्र विधानसभा अध्यक्ष रमनलाल वोरा को सौंपा. शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव में भाजपा के अन्य दो उम्मीदवार हैं.

गुजरात से राज्यसभा के कुल 11 सदस्यों में स्मृति और दिलीपभाई पांडे तथा कांग्रेस के अहमद पटेल का कार्यकाल 18 अगस्त को खत्म हो रहा है. कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीति सचिव अहमद पटेल को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. 67 वर्षीय नेता ने बुधवार (26 जुलाई) को अपना नामांकन दाखिल किया. वोरा ने बताया, ‘बलवंतसिंह राजपूत, तेजश्रीबेन पटेल और प्रहलाद पटेल ने अपनी-अपनी सीटों से इस्तीफा दे दिया है. विधानसभा की उनकी सदस्यता अब समाप्त हो गई है.’ वोरा ने कहा कि यह तीनों अब राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पायेंगे.

राजपूत के भाजपा में शामिल होने के कुछ घंटों के अंदर ही पार्टी ने उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए अपना तीसरा उम्मीदवार बना दिया. भाजपा अहमद पटेल की राह मुश्किल करने की कोशिश में है और उसे उम्मीद है कि राजपूत कांग्रेस उम्मीदवार के मतों में सेंध लगा देंगे. गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राज्य में कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग देखने को मिली थी, जब विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को विधानसभा में पार्टी के 57 विधायकों में सिर्फ 49 विधायकों के ही वोट मिले थे.

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