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अहमदाबाद : अहमदाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व आईपीएस अधिकारियों पी पी पाण्डेय और डी जी वंजारा की जमानत याचिकाओं पर शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया जो इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी हैं। उम्मीद है कि न्यायाधीश के आर उपाध्याय 28 जनवरी को आदेश सुनाएंगे।
शुक्रवार की सुनवाई के दौरान पाण्डेय के वकील एन डी नानावती ने कहा कि सीबीआई ने गुप्तचर ब्यूरो के पूर्व प्रमुख राजेंद्र कुमार को केंद्र की पूर्ववर्ती सरकार में उनके राजनीतिक आकाओं के चलते गिरफ्तार नहीं किया (जो आरोपपत्र में एक आरोपी के रूप में नामित हैं)।
नानावटी ने कहा, आपको उन्हें गिरफ्तार करने से किसने रोका..केवल इसलिए कि राजेंद्र कुमार के पीछे तत्कालीन केंद्र सरकार के राजनीतिक आकाओं का हाथ था। मुम्बई की इशरत जहां, परनेश पिल्लई उर्फ जावेद शेख, अमजद अली राणा और जीशान जोहर जब 15 जून 2004 को अहमदाबाद में अपराध शाखा के अधिकारियों द्वारा मुठभेड़ में मारे गए थे तब पाण्डेय पुलिस के संयुक्त आयुक्त थे। सीबीआई के अनुसार वह फर्जी मुठभेड़ थी जिसे गुप्तचर ब्यूरो और गुजरात पुलिस ने मिलकर रचा था।
नानावती ने कहा कि गुप्तचर ब्यूरो ने ही पुलिस को सूचित किया था कि मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं की हत्या करने के लिए कुछ आतंकवादी राज्य में आये हैं।