हनुमान मंदिर विवाद : कोर्ट ने पूछा, 'अवैध रूप से बनाए गए मंदिर से प्रार्थना क्या ईश्वर तक पहुंचेगी?'
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हनुमान मंदिर विवाद : कोर्ट ने पूछा, 'अवैध रूप से बनाए गए मंदिर से प्रार्थना क्या ईश्वर तक पहुंचेगी?'

दिल्ली हाईकोर्ट ने करोल बाग में हनुमानजी की मूर्ति बनाए जाने के समय तैनात निगम तथा डीडीए अधिकारियों की लिस्ट मांगी है, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

करोल बाग स्थित 104 फुट की हनुमान जी की मूर्ति को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है

नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते अतिक्रमण और सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की अन्य एजेंसियों को कड़ी फटकार लगाई है. साथ ही कोर्ट ने अवैध रूप से बनाए गए धार्मिक स्थलों पर भी सवाल खड़े किए हैं. हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या रास्ते पर अवैध तरीके से बनाए गए मंदिरों से आपकी प्रार्थना ईश्वर तक पहुंचेगी. यह सवाल अदालत ने मध्य दिल्ली के करोल बाग इलाके में 108 फुट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति के पास से अतिक्रमण हटाने के मामले पर सुनवाई करने के दौरान पूछा. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने पूछा, ‘‘अगर आप रास्ते पर अवैध अतिक्रमण से प्रार्थना करते हैं तो क्या यह ईश्वर तक पहुंचेगी.’’ अदालत ने चेतावनी दी कि मंदिर समेत अनधिकृत निर्माण के लिये जिम्मेदार सभी व्यक्तियों से निपटा जाएगा.

  1. करोल बाग में 104 फुट की हनुमान जी की मूर्ति पर विवाद
  2. एयरलिफ्ट करके मूर्ति को अन्य स्थान पर लगाने का आदेश
  3. कोर्ट ने मूर्ति बनाए जाने के समय के अधिकारियों की लिस्ट मांगी

अदालत ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) से पूछा कि किसके अधिकार क्षेत्र में यह इलाका पड़ता है. अदालत ने एनडीएमसी से उन सड़कों और पटरी के निर्माण से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने को कहा, जिनके आस-पास अवैध अतिक्रमण है. अदालत ने यह निर्देश तब दिया जब लोक निर्माण विभाग की तरफ से उपस्थित दिल्ली सरकार के वकील सत्यकाम ने पीठ से कहा कि सड़क और पटरी नगर निगम की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि जहां मूर्ति का एक पांव पटरी पर है, वहीं प्रतिमा का शेष हिस्सा दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर है.

अदालत ने अधिकारियों से पूछा कि क्यों इलाके में वाणिज्यिक गतिविधियों और कार पार्किंग की अनुमति दी गई. अदालत ने कहा कि वह निगम और डीडीए के उन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाएगी जिनके कार्यकाल में मूर्ति लगाई गई और अन्य अतिक्रमण हुआ. दिल्ली पुलिस की तरफ से भी उपस्थित सत्यकाम ने कहा कि प्रतिमा समेत मंदिर का रख-रखाव और संचालन एक ट्रस्ट कर रहा है, जिसके बैंक खातों की एजेंसी जांच कर रही है. पीठ ने पुलिस से जांच पूरी करने और कानून का पालन करने और उसे लागू करने को कहा. अदालत ने डीडीए की जमीन पर मंदिर बनाने और उसका रख-रखाव करने के ट्रस्ट के प्राधिकार पर भी सवाल किया.

ZEE जानकारी: शिफ्ट होगी करोलबाग में मौजूद 108 फुट ऊंची हनुमान जी की मूर्ति

बता दें कि अदालत दिल्ली के करोल बाग इलाके में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के संबंध में दायर विभिन्न जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. उसने इससे पहले कहा था कि धार्मिक ढांचों को निजी लाभ के लिये सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जा सकती है. करोल बाग में 108 फुट की हनुमान जी की मूर्ति को एयरलिफ्ट कर दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इस प्रतिमा के कारण अतिक्रमण बढ़ रहा है. इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. 

(इनपुट भाषा से)

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