हिमाचल चुनाव : सुजानपुर सीट- प्रेम कुमार धूमल vs राजेंद्र राणा
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हिमाचल चुनाव : सुजानपुर सीट- प्रेम कुमार धूमल vs राजेंद्र राणा

हमीरपुर जिले के समीरपुर गांव में जन्‍मे प्रेम कुमार धूमल इस बार सुजानपुर सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. उनके सामने कांग्रेस के राजेंद्र राणा हैं.

सुजानपुर सीट पर प्रेम कुमार धूमल और राजेंद्र राणा के बीच मुकाबला होगा...

नई दिल्‍ली/शिमला : हिमाचल प्रदेश के चुनावी रण में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री प्रेम कुमार धूमल इस बार सुजानपुर सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. इस सीट पर उनके सामने कांग्रेस के राजेंद्र राणा हैं.

प्रेम कुमार धूमल (बीजेपी) : प्रेम कुमार धूमल (73) को बीजेपी ने प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्‍मीदवार बनाया है. धूमल वर्ष 1998 से मार्च 2003 तक (बीजेपी-हिमाचल विकास कांग्रेस गठबंधन) और दिसंबर 2007 से दिसंबर 2012 तक दो बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

10 अप्रैल 1944 को हमीरपुर जिले के समीरपुर गांव में जन्‍मे धूमल इस बार सुजानपुर सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. इनकी प्रारंभिक शिक्षा मिडिल स्कूल भगवाड़ा में हुई और मैट्रिक हमीरपुर के डीएवी हाई स्कूल टौणी देवी से. राजपूत समाज से आने वाले प्रेम कुमार धूमल का अपनी जाति पर काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है. हिमाचल में 37 फीसदी राजपूतों की आबादी है.

73 साल के प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. 1984 में धूमल ने पहला लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हमीरपुर सीट से जीत नसीब हुई. 1991 में एक बार फिर धूमल ने हमीरपुर लोकसभा सीट से किस्मत आजमाई और जीत दर्ज की. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें हिमाचल प्रदेश राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया. 1996 के लोकसभा चुनाव में हालांकि उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. बीजेपी-हिमाचल विकास कांग्रेस की गठबंधन सरकार में पहली बार उन्होंने राज्य की सत्ता संभालने का मौका मिला. 

अब हमीरपुर से उनके पुत्र अनुराग ठाकुर सांसद हैं. वह भाजपा युवा मोर्चा और बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं. 1970 में धूमल ने दोआबा कालेज जालंधर में एमए इंग्लिश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया. इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी के जालंधर स्थित कॉलेज में प्रवक्ता के रूप में कार्य किया. इसके बाद दोआबा कालेज जालंधर चले गए. नौकरी करते हुए इन्होंने एलएलबी की शिक्षा ली.

राजेंद्र राणा (कांग्रेस) : इस सीट पर धूमल के सामने कांग्रेस के राजेंद्र राणा हैं, जो कभी उनके खासमखास हुआ करते थे. एक समय था जब धूमल के सारे चुनाव का दारोमदार भी राणा के कंधों पर रहता था, लेकिन लेकिन धूमल सरकार के कार्यकाल के दौरान ही शिमला में एक प्राइवेट होटल में पैसे के लेन-देन को लेकर धूमल और धूमल परिवार पर सवाल उठे थे. इसके बाद राणा ने बीजेपी से रिश्ता तोड़ लिया. 2012 में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी तो राजेंद्र राणा का समर्थन भी बाहर से मिला. राजेंद्र राणा बीजेपी सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के पूर्व ओसडी के मित्र थे. बाद में धूमल ने राणा को प्रदेश मीडिया सलाहकार समिति के चेयरमैन बनाया था.

राणा हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं. राजेंद्र राणा ने 2012 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड़ते हुए भारी अंतर से जीत हासिल की थी. उन्होंने इस सीट पर 24674 वोट हासिल किए थे, जबकि कांग्रेस की अंकिता वर्मा सिर्फ 10,508 वोट ही जीत सकीं थी. माना जा रहा है इसी के चलते इस बार कांग्रेस ने राजेंद्र राणा को पार्टी में शामिल किया है, ताकि वो धूमल को कड़ी टक्कर दे सकें. इस बार यहां से कुल पांच प्रत्याशी मैदान में हैं.

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