'मैंने भगवान को देखा है क्योंकि मैंने कलाम को देखा है'
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'मैंने भगवान को देखा है क्योंकि मैंने कलाम को देखा है'

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पहली पुण्यतिथि मनाने के लिए 200 से ज्यादा शहरों के लोगों की ओर से लिखे गए हस्तलिखित पोस्टकार्ड को संकलित कर एक किताब की शक्ल दी गई है।

'मैंने भगवान को देखा है क्योंकि मैंने कलाम को देखा है'

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पहली पुण्यतिथि मनाने के लिए 200 से ज्यादा शहरों के लोगों की ओर से लिखे गए हस्तलिखित पोस्टकार्ड को संकलित कर एक किताब की शक्ल दी गई है।

दरअसल संदेशों के संकलन का यह काम कोच्चि स्थित सामुदायिक कला परियोजना ‘लेटर फार्म’ की ओर से शुरू किया गया था। एक साल से चल रही इस परियोजना का नाम ‘डियर कलाम सर‘ है, इसमें संदेशों के माध्यम से ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ के जीवन से जुड़ी कहानियों का भी संकलन किया गया है।

इस परियोजना की शुरआत पिछले साल पूर्व राष्ट्रपति कलाम की 85वीं जयंती पर शुरू की गई थी। इस परियोजना में पूरे देश के लोगों को निमंत्रण दिया गया था कि वो लेखन और चित्र के माध्यम से बेहतर से बेहतर तरीके में कलाम को श्रद्धांजलि दें। इस संग्रह में चुनिंदा कुल 358 पोस्टकार्डस को शामिल किया गया है।

पटना के एक छात्र ने पोस्टकार्ड में लिखा है, ‘मैंने भगवान को देखा है क्योंकि मैंने कलाम को देखा है।’ अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों से यहां लोग पोस्टकार्ड भेज रहे हैं। इस एनजीओ के फाउंडर जॉन का कहना है, ‘हमारे कोच्चि स्थित ऑफिस में अभी भी हर दिन पोस्टकार्ड आ रहे हैं। हम लोग सारे संदेशों की प्रदर्शनी दिल्ली में लगाने के बारे में सोच रहे हैं।

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