भारत, बहरीन ने की आतंकवाद की निन्दा, कहा- यह ‘सभी के लिए’ संकट
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भारत, बहरीन ने की आतंकवाद की निन्दा, कहा- यह ‘सभी के लिए’ संकट

भारत और बहरीन ने आज आतंकवाद की निन्दा की और इसे सभी देशों के लिए संकट करार देते हुए कहा कि किसी एक देश के आतंकवादी को दूसरे देश द्वारा स्वतंत्रता सेनानी के रूप में महिमामंडित नहीं किया जा सकता। 

Photo Courtesy : twitter@rajnathsingh

मनामा : भारत और बहरीन ने आज आतंकवाद की निन्दा की और इसे सभी देशों के लिए संकट करार देते हुए कहा कि किसी एक देश के आतंकवादी को दूसरे देश द्वारा स्वतंत्रता सेनानी के रूप में महिमामंडित नहीं किया जा सकता। 

गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा बहरीन के गृहमंत्री राशिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा के बीच यहां हुई बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों देश हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ अपने कड़े रूख पर सहमत हैं। इसमें कहा गया कि ‘आतंकवाद सभी देशों तथा समुदायों के लिए एक संकट है।’ राशिद ने कहा कि बहरीन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में और पारस्परिक तक्षा क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में भारत के साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित है।

बयान में कहा गया, ‘भारत और बहरीन आतंकवाद को किसी नस्ल, धर्म या संस्कृति से जोड़े जाने के खिलाफ हैं। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि किसी एक देश के आतंकवादी को किसी दूसरे देश द्वारा स्वतंत्रता सेनानी के रूप में महिमामंडित नहीं किया जा सकता।’  बयान में कहा गया, ‘दोनों पक्षों ने सभी देशों से अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करने, किसी देश के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने तथा आतंकवादी ढांचा जहां भी हो, उसके खिलाफ लड़ने का आह्वान किया।’ 

संयुक्त बयान राजनाथ द्वारा बहरीन के शीर्ष नेतृत्व को यह कहे जाने के एक दिन बाद जारी किया गया कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को ‘राज्य की नीति’ के रूप में इस्तेमाल किया जाना चिंता का विषय है तथा सीमा पार से उकसावा जम्मू कश्मीर में वर्तमान अशांति के पीछे का मुख्य कारण है। खाड़ी देश की तीन दिन की यात्रा पर आए गृहमंत्री ने राशिद को यह भी बताया कि पाकिस्तान ने मुठभेड़ में मारे गए हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी वानी का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान में आतंकवादियों और उनके समर्थकों के लगातार खुलेआम घूमने के बारे में संकेत देता है।

बहरीन इस्लामी सम्मेलन संगठन का महत्वपूर्ण सदस्य है। पाकिस्तान भी इसका सदस्य है। संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष आतंकवाद रोधी समझौते को सक्रियता से क्रियान्वित करने पर सहमत हुए जिसके लिए एक संयुक्त समिति गठित की गई। समिति की पहली बैठक दौरे से इतर हुई। भारत और बहरीन ने समझौते के नियमों के अनुरूप समिति की नियमित बैठकें करने का फैसला किया।

दोनों पक्ष आतंकवाद संबंधी जारी जांचों पर सूचना के आदान-प्रदान में सहयोग, आतंकवाद और मादक पदार्थ तस्करी सहित संगठित अपराधों की जारी जांचों में सूचना के आदान-प्रदान तथा आतंकवाद के वित्तपोषण पर सूचना के आदान-प्रदान और आतंकवाद से संबंधित धन को दोनों देशों के नियमों के अनुसार जब्त करने पर भी सहमत हुए। उन्होंने युवाओं के कट्टरपंथ का शिकार होने और इंटरनेट के इस्तेमाल जैसे मुद्दों से निपटने के तरीके का अध्ययन करने तथा ई सुरक्षा और धन शोधन के मामले में और अधिक सहयोग करने का भी संकल्प लिया।

नई दिल्ली और मनामा प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा गोष्ठियों में भागीदारी को बढ़ावा देने पर भी सहमत हुए जो दोनों देशों द्वारा अपराधों तथा अन्य गैर पारंपरिक खतरों से लड़ने में सुरक्षा विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के लिए आयोजित किए जाते हैं। दोनों पक्षों ने मानव तस्करी रोधी सहयोग और दोनों देशों के समक्ष उभरते सुरक्षा खतरों से निपटने में सहयोग का स्वागत किया। दोनों पक्ष सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए उच्चस्तरीय संचार जारी रखने पर सहमत हुए।

गृहमंत्री ने दोनों मित्र देशों के बीच प्रेम और शांति पर आधारित ऐतिहासिक संबंधों की सराहना करते हुए बहरीन के गृहमंत्री का धन्यवाद व्यक्त किया और उनकी प्रशंसा की। राजनाथ ने कहा कि बहरीन एक स5य एवं खुला समाज है जो एकता और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है और पारस्परिक यात्राओं से द्विपक्षीय संबंध विकसित होंगे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद समूचे विश्व के लिए खतरा है और भारत संयुक्त आतंकवाद रोधी सहयोग को बहरीन के साथ मजबूत करने के लिए तैयार है।

एक बयान में कहा गया कि राशिद ने आतंकवाद रोधी अभियान को मजबूत करने, खासकर क्षेत्रीय आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर, दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौते के रूप में बहरीन-भारत संयुक्त संचालन समिति की पहली बैठक की सराहना की। राशिद ने रेखांकित किया कि बहरीन ने आतंकी कृत्यों को झेला है जिसकी वजह से लोगों की जान गई और लोग घायल हुए तथा अवसंरचना को नुकसान पहुंचा। 

बहरीन के गृहमंत्री ने कहा, ‘हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ने तथा अपनी पारस्परिक एवं क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित हैं।’ उन्होंने कहा कि संयुक्त संचालन समिति को देखना चाहिए कि ‘चुनौतियों से निपटने और पारस्परिक यात्राओं तथा विशेषज्ञता के आदान-प्रदान तथा समान लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम करने के जरिए हम किस तरह मिलकर काम कर सकते हैं।’ 

दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि फरवरी 2014 में बहरीन के शाह की भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच मजबूत भागीदारी तथा विभिन्न क्षेत्रों में अवसर पैदा करने की नींव रखी। भारत और बहरीन इस बात पर भी सहमत हुए कि पारस्परिक उच्चस्तरीय यात्राओं ने दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण समझौतों के क्रियान्वयन में योगदान दिया है। उन्होंने दिसंबर 2015 में बहरीन के गृहमंत्री की यात्रा पर चर्चा की जिसमें आतंकवाद और मादक पदाथरें की तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर शामिल थे।

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