मोदी-ओबामा ने भारत-अमेरिका कारोबारी रिश्ते को नई ऊंचाई पर ले जाने का लिया संकल्प
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मोदी-ओबामा ने भारत-अमेरिका कारोबारी रिश्ते को नई ऊंचाई पर ले जाने का लिया संकल्प

भारत अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक होटल ताज पैलेस में थोड़ी देर में शुरू होने वाली है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा संबोधित करेंगे। दो साल के बाद हो रही इस बैठक में भारत के 17 और अमेरिका के 30 सीईओ भाग ले रहे हैं।

मोदी-ओबामा ने भारत-अमेरिका कारोबारी रिश्ते को नई ऊंचाई पर ले जाने का लिया संकल्प

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां अमेरिकी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करते हुए उन्हें एक भरोसेमंद कर व्यवस्था और व्यवसाय के लिए खुला वातावरण सुलभ कराने का भरोसा दिलाया और कहा कि ‘बाकी बची अनिश्चितताएं’ भी दूर कर दी जाएंगी।

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के साथ व्यापार के लिए 4 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत में नियामकीय और कर परिवेश में ‘निरंतरता’ और ‘सरलता’ की मांग उठायी और दोनों देशों के बीच व्यापार और व्यावसाय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़े मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया।

दोनों नेताओं ने ओबामा की भारत यात्रा के दूसरे दिन आज यहां भारत-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत अमेरिका व्यवसायिक परिषद की बैठकों में दिग्गज उद्योगपतियों के साथ चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार ने कुछ ‘पुरानी ज्यादतियां’ दूर की हैं।

उन्होंने कहा, ‘अब हम बाकी अनिश्चितताओं को जल्द ही दूर करेंगे।’ उन्होंने जाहिरातौर पर पिछली सरकार द्वारा लाए गए पूरानी तिथि से लागू कराधान कानून के संबंध में यह बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आपको एक ऐसा माहौल मिलेगा जो न केवल खुला होगा, बल्कि आपका स्वागत करने वाला होगा। आप खुद दिशा लेकर अपनी परियोजनाओं को सिरे चढ़ाएंगे। आपको ऐसा वातावरण दिया जाएगा जो निवेश को प्रोत्साहन देने वाला होगा और उद्यम को आगे बढ़ाएगा। यह नवोन्मेषण को पोषित करेगा एवं आपकी बौद्धिक संपदा की रक्षा करेगा।’

प्रधानमंत्री ने यूएसआईबीसी की बैठक में कहा, ‘यह कारोबार करना आसान बनाएगा। आप एक ऐसी कर व्यवस्था देखेंगे जो भरोसेमंद और प्रतिस्पर्धी होगी।’ सीईओ फोरम की एक बैठक में मोदी ने कहा कि वह बड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी खुद अपने हाथ में लेंगे और इस पर नजर रखेंगे।‘ हम आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। मैं हमेशा उपलब्ध हूं। मैं आपकी बात सुनूंगा।’

मोदी ने भारत की संघीय व्यवस्था का भी जिक्र किया और कहा कि वह राज्य सरकारों के साथ मिलकर मतभेदों को दूर करने और टकरावों का समाधान निकालने के प्रयास कर रहे हैं। ओबामा ने अपने भाषण में भारत में नियामकीय और कर परिवेश में ‘निरंतरता’ और ‘सरलता’ की मांग उठायी और दोनों देशों के बीच व्यापार और व्यावसाय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़े मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया।

ओबामा ने कहा कि दोनों देशों द्वारा जिन खास चीजें पर काम करने की जरूरत है उनमें दोनों देशों में कारोबार करना आसान बनाना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘अब भी कई बाधाएं हैं।’ इसलिए नियमनों को दुरस्त करने, लालफीताशाही हटाने और नौकरशाही से परे जाने की जरूरत है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत में 4 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की जिसमें मेक इन इंडिया कार्यक्रम में मदद के लिए अमेरिका की ओर से निर्यात के वित्त पोषण हेतु एक अरब डॉलर, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए एक अरब डॉलर एवं अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में दो अरब डॉलर का निवेश शामिल है।

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी निर्यातक भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे मुद्दों को लेकर बहुत चिंतित हैं क्योंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का रूप ले रही है। ओबामा ने कहा कि भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण की ‘कारगर व्यवस्था के अभाव’ में कारोबार प्रभावित हो रहा है। ‘हम वैश्विक मूल्यवर्धन श्रृंखला के उच्चतम स्तर पर काम करना चाहते हैं।’

उन्होंने जिन अतिरिक्त उपायों की घोषणा की उनसे भारत के साथ दो अरब डॉलर से अधिक के व्यापार एवं निवेश होने एवं दोनों देशों में हजारों की संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है।

निवेश लाने के लिए मोदी की सुधार संबंधी पहल का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें व्यापार को दबाने के बजाय इसे प्रोत्साहन देने की जरूरत है। हमें पारदर्शी, सुसंगत होने और बौद्धिक संपदा अधिकारों का संरक्षण करने की जरूरत है।’

ओबामा ने कहा, ‘हम भारत को आगे बढ़ने में मदद के लिए एवं अगली पीढ़ी की स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में साझीदारी करने व रेलवे, सड़क, बंदरगाह, हवाईअड्डों और विश्व को सर्वोत्तम संपर्क उपलब्ध कराने हेतु ब्राडबैंड कनेक्टिविटी के उन्नयन के लिए नयी प्रौद्योगिकियां विकसित करने में मिलकर काम कर सकते हैं।’ उन्होंने उन तीन स्मार्ट शहरों का भी जिक्र किया जिनके विकास में अमेरिका भारत की मदद करेगा।

अपनी भारत यात्रा की समीक्षा करते हुए ओबामा ने कहा कि दोनों देशों ने और निवेश आकषिर्त करने के लिए ‘कई ठोस कदम’ उठाए हैं। उन्होंने असैन्य परमाणु समझौते, रक्षा सहयोग, अक्षय उर्जा और द्विपक्षीय निवेश संरक्षण संधि :बीपा: के रास्ते गतिरोध दूर किए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा, ‘हमें यह पक्का करना होगा कि आर्थिक वृद्धि समावेशी और स्वस्थ हो । इस वृद्धि से लोगों का जीवन बेहतर हो। वृद्धि को केवल जीडीपी के आंकड़ों और बैलेंस शीट के लाभ.हानि में नहीं आंका जा सकता।’

मोदी ने कहा, ‘पिछले आठ महीनों में हमने लोगों के जनादेश को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया है.. हमारा काम बहुत बड़ा है और यह रातों.रात नहीं होगा। हम अपनी चुनौतियों को लेकर सजग हैं और साथ ही अपनी सफलता से प्रेरित भी हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत में कारोबारी धारणा प्रमुख एशियाई बाजारों में सबसे मजबूत में से एक है। तीन साल बाद उपभोक्ता का भरोसा बढ़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था के 8 प्रमुख क्षेत्रों में वृद्धि तेजी से बढ़ी है। मुद्रास्फीति पांच साल के निचले स्तर पर है। पिछले चार महीनों में 11 करोड़ नए बैंक खाते खोले गए हैं। मेरी सरकार के प्रथम छह महीने के कार्यकाल में अमेरिका से निवेश 50 प्रतिशत बढ़ा है।’ ‘ और मुझे पता है कि वाशिंगटन में सितंबर में किए गए कुछ वादे पूरे किए जाने शुरू हो गए हैं। बेशक, मैं इन चीजों पर नजर रखता हूं।’

मोदी ने कहा कि भारत के सपने बहुत बड़े हैं इसलिए यहां मौजूद अवसर भी बहुत बड़े हैं। भारत की समृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए स्थिरता का एक महत्वपूर्ण आधार होगी और इसकी वृद्धि के लिए एक इंजन होगी। ‘इन सबसे उपर, एक समृद्ध भारत विश्व में शांति एवं स्थिरता के लिए एक ताकत होगा।’ अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दूसरे दिन आयोजित अमेरिका-भारत कारोबारी परिषद (यूएसआईबीसी) की इस बैठक में दोनों देशों के दिग्गज उद्योगपति शरीक हुए।

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