बॉर्डर पर भारत कर रहा है ऐसा इंतजाम, पाक गोलीबारी में कश्मीरियों का बाल भी नहीं होगा बांका
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बॉर्डर पर भारत कर रहा है ऐसा इंतजाम, पाक गोलीबारी में कश्मीरियों का बाल भी नहीं होगा बांका

जम्मू खंड में पाकिस्तानी गोलीबारी का सामना करने वाले सीमाई बाशिंदों के लिए नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 14000 से ज्यादा सामुदायिक और निजी बंकर बनाए जाएंगे.

जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों से सटे गांवों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना बंकर बनाने की तैयारी में हैं. फाइल तस्वीर साभार: PTI

श्रीनगर: भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से मुंहतोड़ जवाब मिलने के बाद से पाकिस्तानी सेना और सीमापार से भेजे गए आतंकी झुंझलाहट में जम्मू कश्मीर की आम जनता को निशाना बनाने लगे हैं. पाकिस्तान की ओर से होने वाली गोलीबारी से कश्मीरी नागरिकों को बचाने के लिए भारत ने खास इंतजाम किए हैं. जम्मू खंड में पाकिस्तानी गोलीबारी का सामना करने वाले सीमाई बाशिंदों के लिए नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 14000 से ज्यादा सामुदायिक और निजी बंकर बनाए जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि पुंछ और राजौरी जिले में एलओसी के करीब 7298 बंकरों का निर्माण होगा. जम्मू, कठुआ और सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 7162 भूमिगत बंकरों का निर्माण कराया जाएगा.

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  2. कश्मीरियों की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना ने बनाय प्लान
  3. बॉर्डर इलाके में तैयार कराए जाएंगे बंकर, जिसमें छुपने होंगे इंतजाम

निजी और सामुदायिक दोनों तरह के बंकर बनाए जाएंगे
केंद्र ने हाल में 415.73 करोड़ रुपए की लागत से एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों के लिए 14,460 निजी और सामुदायिक बंकरों के निर्माण की अनुमति दी थी.

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अधिकारियों ने बताया कि कुल 13029 निजी बंकर और 1431 सामुदायिक बंकरों का निर्माण कराया जा रहा है. निजी बंकर का आकार 160 वर्ग फुट का होगा, जिसमें आठ लोग आ सकेंगे और 800 वर्ग फुट के सामुदायिक बंकर में 40 लोग आ सकेंगे. पाकिस्तान के साथ भारत की 3323 किलोमीटर की सीमा है जिसमें 221 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी की 740 किलोमीटर सीमा जम्मू कश्मीर में है.

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जम्मू एवं कश्मीर में 2017 में 206 आतंकी मारे गए
मालूम हो कि जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 2017 में कुल 206 आतंकियों को मार गिराया, जबकि 75 अन्य को हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी किया गया. राज्य पुलिस प्रमुख एस.पी. वैद ने रविवार को इस बात की जानकारी दी. पुलिस महानिदेशक वैद ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में 2017 के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन ऑल आउट' को लेकर कई गलतफहमियां थीं. 

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पाकिस्तानी गोलीबारी में सीमा से सटे भारतीय गांव में रहने वाले लोग दहशत में रहते हैं. फाइल तस्वीर साभार: PTI 

सेना युवाओं को आतंक का रास्ता छोड़ने के लिए कर रही है प्रेरित
उन्होंने कहा, "मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह अभियान केवल आतंकियों को मार गिराने के लिए ही नहीं बल्कि उन्हें हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल करने के लिए भी शुरू किया गया था."

वैद ने कहा, "इस साल, हमने 206 आतंकियों को मार गिराया और साथ ही हम 75 युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने में कामयाब रहे, जो या तो आतंक के साथ जुड़ चुके थे या फिर जुड़ने वाले थे. इन्हें छोड़कर, सात युवा ऐसे थे जो अपने परिवारों द्वारा हमारे प्रति समर्थन को देखकर हथियार त्यागकर वापस आ गए."

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वैद ने यह भी कहा कि राज्य पुलिस ने सार्वजनिक सुक्षा अधिनियम के तहत 34 लोगों के खिलाफ नशीले पदार्थो के दुरुपयोग का मामला दर्ज कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

डीजीपी ने हालांकि यह नहीं बताया कि एक साल के भीतर हमारे कितने जवान शहीद हो गए.

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