पत्नी ने लगाया पति पर लांछन, कोर्ट ने ‘‘क्रूरता’’ बताते हुए सुना दिया ये फैसला
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पत्नी ने लगाया पति पर लांछन, कोर्ट ने ‘‘क्रूरता’’ बताते हुए सुना दिया ये फैसला

Madhya Pradesh : मध्यप्रदेश के इंदौर में पत्नी ने अपने पति पर बिना किसी आधार पर आरोप लगाया है. जिसके बाद कुटुंब अदालत ने कहा कि बिना किसी आधार के चारित्रिक लांछन लगाना क्रूरता है,और महिला कि याचिका खारिज कर दी. 

Indore

Indore : मध्यप्रदेश के इंदौर से मामला सामने आया है, जिसमें पत्नी ने अपने पति पर बिना किसी आधार पर आरोप लगाया है. महिला का कहना है, कि उसके 42 वर्षीय पति के एक अन्य महिला से अवैध संबंध है. साथ ही महिला ने बताया कि उसके आपत्ति जताने पर उसे प्रताड़ित करके घर से बाहर निकाल दिया गया. जांच में पता चला है, कि याचिका दायर करने वाली महिला अपने पति से करीब ढाई साल से अलग है. इस दौरान कुटुंब अदालत ने एक आदेश में कहा है कि पत्नी की अपने पति पर बिना किसी आधार के चारित्रिक लांछन लगाना क्रूरता है. अदालत ने महिला की गुजारा भत्ते की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है. 

 

अदालत ने क्या कहा 

कुटुंब  दालत के प्रधान न्यायाधीश एन.पी. सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सात मार्च को यह अर्जी खारिज कर दी. अदालत ने अपने आदेश में कहा,‘‘(पत्नी द्वारा) बिना किसी आधार के पति पर चारित्रिक दोष लगाना क्रूरता है.

 

कुटुंब अदालत में याचिका दायर करने वाली महिला अपने पति से करीब ढाई साल से अलग रह रही है. उसने इस अर्जी के जरिए अदालत से गुहार की थी कि उसे उसके पति से हर महीने 20,000 रुपये का गुजारा भत्ता दिलाया जाए.

 

कुटुंब अदालत ने कहा कि वह इस निष्कर्ष पर पहुंची है, कि महिला ने बिना किसी पर्याप्त कारण के अपने पति को छोड़ दिया है और वह किसी तरह की भरण-पोषण राशि पाने की हकदार नहीं है. अदालत ने कहा, ‘‘यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है, कि इस कपल की अवयस्क संतानें प्रतिवादी (पति) के पास हैं और वही उनका भरण-पोषण कर रहा है.

 

महिला के पति ने क्या कहा?

महिला ने दो लाख रुपये के दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाते हुए अपने पति और सास-ससुर के खिलाफ एक स्थानीय पुलिस थाने में वर्ष 2021 के दौरान प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी.
 कुटुंब अदालत ने बताया कि महिला ने इस प्राथमिकी में संबंधित महिला से अपने पति के कथित अवैध संबंधों को लेकर किसी विवाद का कोई उल्लेख नहीं किया. उधर, महिला के पति की ओर से  कुटुंब अदालत में कहा गया कि उसकी पत्नी जान-बूझकर उसके साथ नहीं रहना चाहती और उस पर उसके माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाती है.

 

पति इंदौर नगर निगम का कर्मचारी

महिला का पति इंदौर नगर निगम का कर्मचारी है. इस व्यक्ति ने अदालत में कहा कि उसकी पत्नी सिलाई-कढ़ाई करके हर महीने 20,000 रुपये से 25,000 रुपये कमा रही है और खुद का भरण-पोषण कर सकती है.

 

दोनों के दो बच्चें भी है

बचाव पक्ष की वकील प्रीति मेहना ने बताया कि महिला का उनके मुवक्किल से वर्ष 2007 में विवाह हुआ था और कपल का 13 साल बेटा और नौ साल की बेटी भी हैं.

 

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