जेएनयू छात्र गुमशुदगी मामला: 'बंधक' प्रकरण खत्‍म होने के बाद आज गृह मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे छात्र
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जेएनयू छात्र गुमशुदगी मामला: 'बंधक' प्रकरण खत्‍म होने के बाद आज गृह मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे छात्र

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद का पता लगाने की मांग को लेकर आज छात्र शुक्रवार को गृह मंत्रालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। जेएनयू के कुलपति और अन्य अधिकारियों का 20 घंटों से ज्यादा समय तक घेराव करने के बाद छात्रों ने विरोध के अपने 'तरीके' को बदलने का फैसला किया और लापता छात्र नजीब अहमद का पता लगने तक शांतिपूर्ण आंदोलन की बात की। छात्रों की मांग है कि 6 दिन से लापता नजीब का जल्द पता लगाया जाए और उसके साथ झगड़े में शामिल छात्रों पर कार्रवाई की जाए।

जेएनयू छात्र गुमशुदगी मामला: 'बंधक' प्रकरण खत्‍म होने के बाद आज गृह मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे छात्र

नई दिल्‍ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद का पता लगाने की मांग को लेकर आज छात्र शुक्रवार को गृह मंत्रालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। जेएनयू के कुलपति और अन्य अधिकारियों का 20 घंटों से ज्यादा समय तक घेराव करने के बाद छात्रों ने विरोध के अपने 'तरीके' को बदलने का फैसला किया और लापता छात्र नजीब अहमद का पता लगने तक शांतिपूर्ण आंदोलन की बात की। छात्रों की मांग है कि 6 दिन से लापता नजीब का जल्द पता लगाया जाए और उसके साथ झगड़े में शामिल छात्रों पर कार्रवाई की जाए।

जानकारी के अनुसार, जेएनयू के छात्र आज गृह मंत्रालय का घेराव करेंगे। लापता छात्र नजीब को ढूंढने की मांग को लेकर गृह मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।   

दूसरी ओर, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को जेएनयू के एक लापता छात्र का पता लगाने के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने का आदेश दिया। उधर, 20 घंटे से अधिक समय तक विश्वविद्यालय के कुलपति और कुछ अन्य आला अधिकारियों को घेरकर रखने के बाद प्रदर्शनकारी छात्रों ने अपने प्रदर्शन के तरीके को बदलने का फैसला किया। आंदोलनकारी छात्रों ने कहा कि उन्होंने अपने प्रदर्शन के तरीके को बदलने का फैसला किया है और वे अब कुलपति एम जगदीश कुमार और अन्य अधिकारियों को बंधक नहीं बनाएंगे। आंदोलनकारी छात्रों का आरोप है कि जेएनयू प्रशासन लापता छात्र नजीब अहमद का पता लगाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है।

इससे पहले, आंदोलनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार और कुछ अन्य अधिकारियों को अकादमिक काउन्सिल की निर्धारित बैठक में हिस्सा लेने के लिए सिर्फ अपने कार्यालय से बाहर जाने दिया। 20 घंटे से अधिक समय तक विश्वविद्यालय के कुलपति को अपने कार्यालय से छात्रों ने बाहर नहीं जाने दिया था। लापता छात्र के मुद्दे पर छात्रों के प्रदर्शन के छठे दिन में प्रवेश करने के बीच गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह लापता नजीब का पता लगाने के लिए विशेष दल गठित करे, जो जेएनयू के एक हॉस्टल में एबीवीपी समर्थकों के एक समूह के साथ झगड़ा होने के बाद शनिवार से लापता है। सिंह ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को फोन किया और विशेष दल गठित करने के लिए निर्देश दिया।

जेएनयू शिक्षक संघ जो ज्यादातर मुद्दों पर छात्रों का समर्थक रहा है, उसने कुलपति और अन्य को बंधक बनाने के मुद्दे पर छात्रों की आलोचना की थी। कुलपति ने आज सुबह छात्रों को अवैध तरीके से उन्हें कैद करने के लिए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। जेएनयू प्रशासन ने निष्क्रियता के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन ने लापता छात्र के बारे में पुलिस को लिखा था और विश्वविद्यालय की तरफ से जांच को तेज किया जाएगा और ‘दोषी’ को दंडित किया जाएगा। बाद में दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने नजीब का पता लगाने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि कुलपति और अन्य अधिकारियों को कैद करना गलत है। जेएनयू में कुछ छात्र पढ़ने की बजाय राजनीति करने आए हैं। सारी गतिविधियां कानून के दायरे में होनी चाहिए।

कुलपति और अन्य अधिकारियों को अकादमिक परिषद की बैठक में जाने की अनुमति देने वाले छात्रों ने बाद में अपने घेराव को समाप्त करने और बंधक बनाकर रखने के तरीके का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया। जेएनयूएसयू के एक सदस्य ने कहा कि हमारी सर्वदलीय बैठक हुई थी और हमने फैसला किया कि अब हम बंधक बनाने का सहारा नहीं लेंगे। हालांकि, अहमद के मिलने और समूचे मुद्दे की उचित जांच कराए जाने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

इस बीच, नजीब की मां भी छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि वह अपना बेटा वापस चाहती हैं और आरोप लगाया कि प्रशासन का रवैया उनके प्रति असंवेदनशील रहा है। नजीब की मां फातिमा नफीस ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे मेरा बेटा लौटा दो। मैं किसी के खिलाफ भी कोई कार्रवाई की मांग नहीं करूंगी। मैं सिर्फ उसे वापस चाहती हूं और मैं उसे मुझे सौंपे जाने के बाद चली जाऊंगी।

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