गाली और गोली से नहीं, गले लगाने से हल होगी कश्‍मीर समस्‍या: पीएम मोदी
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गाली और गोली से नहीं, गले लगाने से हल होगी कश्‍मीर समस्‍या: पीएम मोदी

मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों के विकास के सपने को पूरा करने में मदद के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ही नहीं बल्कि पूरा देश उनके साथ है.

पीएम ने अपने भाषण में कश्‍मीर समस्‍या का भी प्रमुखता से जिक्र किया. (ANI)

नई दिल्‍ली : अशांति के दौर से गुजर रहे कश्मीर के लोगों को लक्षित कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार (15 अगस्त) को कहा कि गोलियों या गालियों से कश्मीर मुद्दे का हल नहीं हो सकता और प्रत्येक कश्मीरी को गले लगाकर ही इसका समाधान किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने 71वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को अपने करीब 56 मिनट के संबोधन में इस बात पर बल दिया कि सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है. उन्होंने जातिवाद एवं सांप्रदायिकता को खारिज करते हुए कहा कि आस्था के नाम पर हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. 

उन्होंने चौथी बार लालकिले से अपने संबोधन में कश्मीर के लोगों को गले लगाने का आह्वान करते हुए कहा, ‘न गाली से, न गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाने से.... समस्या सुलझेगी, हर कश्मीरी को गले लगाने से.’ मोदी ने कहा कि चंद अलगाववादी राज्य में समस्याएं पैदा करने के लिए विभिन्न चालें चलते हैं. किन्तु सरकार कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों के विकास के सपने को पूरा करने में मदद के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ही नहीं बल्कि पूरा देश उनके साथ है. प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जबकि कश्मीर घाटी में अशांति एवं हिंसा का दौर पिछले कुछ समय से बना हुआ है. आतंकवाद के प्रति कोई नरमी नहीं बरते जाने की प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कहा कि भारत की सुरक्षा सरकार के लिए शीर्ष प्राथमिकता है तथा सर्जिकल स्ट्राइक ने उसको रेखांकित किया है.

मोदी ने कहा, "हम राज्य की पुरानी समृद्धि वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि कश्मीर में जो भी हो रहा है, उसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं." उन्होंने मुट्ठीभर अलगाववादियों पर चुटकी लेते हुए कहा कि वे कश्मीर की समस्याओं को ज्वलंत बनाए रखने के लिए नए हथकंडे अपना रहे हैं.

मोदी ने यह भी कहा कि विश्व में भारत का दर्जा बढ़ रहा है तथा आतंकवाद की समस्या से मुकाबले में कई देश भारत को सहयोग दे रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत किसी भी मोर्चे..जल, थल अथवा साइबर आकाश में चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है. उन्होंने डोकलाम में चीन के साथ तनातनी की पृष्ठभूमि में यह बात कही.

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मोदी आज आधी बांह का कुर्ता, चूड़ीदार पायजामा और राजस्थानी साफा बांधकर आये थे. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत देश के विभिन्न हिस्सों में प्राकृतिक आपदाओं में मारे गये लोगों, और खासतौर से गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में जान गंवाने वालों बच्चों का उल्लेख करते हुए कहा कि समूचे राष्ट्र की संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ है. उन्होंने कहा कि भारत शांति, एकता एवं भाईचारे के पक्ष में है तथा जातिवाद एवं सांप्रदायिकता काम नहीं आएगी. उन्होंने आस्था के नाम पर हिंसा करने वालों की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.

मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. हम सभी क्षेत्रों में अपने देश की रक्षा करने में सक्षम हैं’’ उन्होंने कहा, ‘आजाद भारत में, हर देशवासी के दिल में देश की रक्षा-सुरक्षा एक बहुत स्‍वाभाविक बात है. हमारा देश, हमारी सेनाएं, हमारे वीर पुरुष, हर वर्दीधारी बल, कोई भी हो, सिर्फ थलसेना, वायुसेना, नौसेना नहीं, सारे सशस्त्र बल, उन्‍होंने जब-जब मौका आया है; अपना पराक्रम दिखाया है. अपना सामर्थ्‍य दिखाया है, बलिदान की पराकाष्‍ठा करने में ये हमारे वीर कभी पीछे नहीं रहे हैं. चाहे वाम चरमपंथ हो, चाहे आतंकवाद हो, चाहे घुसपैठिये हों, चाहे हमारे भीतर कठिनाइयां पैदा करने वाले तत्‍व हों. हमारे देश के इन वर्दी में रहने वाले लोगों ने बलिदान की पराकाष्ठा की है. और जब सर्जिकल स्ट्राक हुई, दुनिया को हमारा लोहा मानना पड़ा, हमारे लोगों की ताकत को मानना पड़ा.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह साफ है कि देश की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, आंतरिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. समुद्र हो या सीमा हो, साइबर हो या अंतरिक्ष हो, हर प्रकार की सुरक्षा करने में भारत अपने आप में सामर्थ्यवान है और देश के खिलाफ कुछ भी करने वालों के हौसले पस्त करने के लिए हम ताकतवर है.'

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