....केजरीवाल चाहते थे अन्ना अनशन करते-करते दम तोड़ दें: अग्निवेश
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....केजरीवाल चाहते थे अन्ना अनशन करते-करते दम तोड़ दें: अग्निवेश

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कथित ‘अधिनायकवादी स्वभाव’ को आम आदमी पार्टी में मतभेद उभरने का कारण बताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि केजरीवाल अपने आगे किसी की चलने नहीं देते हैं।

फाइल फोटो

इंदौर: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कथित ‘अधिनायकवादी स्वभाव’ को आम आदमी पार्टी में मतभेद उभरने का कारण बताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि केजरीवाल अपने आगे किसी की चलने नहीं देते हैं।

अग्निवेश ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘केजरीवाल अधिनायकवादी स्वभाव के हैं। वह अपने आगे किसी दूसरे व्यक्ति की चलने नहीं देते हैं। मैंने उनका यह स्वभाव सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की अगुवाई में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के वक्त भी देखा है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान प्रशांत भूषण को केजरीवाल के रवैये को लेकर चेतावनी दी थी। लेकिन भूषण उस वक्त चुप्पी साध लेते थे। आज उन्हें केजरीवाल के व्यवहार का परिणाम खुद भुगतना पड़ रहा है और आप में लगातार मतभेद उभर रहे हैं।’

अग्निवेश ने अपना आरोप दोहराया कि केजरीवाल ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान हजारे को इस बात के लिये मजबूर किया था कि वह अपना आमरण अनशन लम्बा खींचें, जबकि तत्कालीन केंद्र सरकार इस आंदोलन की मांगें मानने को सहमत हो गयी थी।

75 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने दावा किया, ‘सरकार द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की मांगें मानने पर सहमति जताने के बावजूद केजरीवाल ने मेरे सामने कहा था कि हजारे अपने अनशन को 10.15 दिन और खींच सकते हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा था कि क्रांति बलिदान मांगती है।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि केजरीवाल चाहते थे कि हजारे अनशन करते-करते दम तोड़ दें, ताकि भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन की बागडोर उनके हाथ में आ जाये।’

अग्निवेश ने हजारे पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा, ‘हजारे सब जानने-समझने के बावजूद केजरीवाल को प्रश्रय देते रहे। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को हाईजैक कर आम आदमी पार्टी बना दी गयी। इंडिया अगेन्स्ट करप्शन को मिले साढ़े पांच करोड़ रुपये के चंदे का इस्तेमाल इस पार्टी के गठन में किया गया। लेकिन हजारे तब भी चुप रहे। वह अपनी इस चुप्पी का परिणाम आज खुद भुगत रहे हैं। उन्हें अलग-थलग कर दिया गया है।’ उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘हजारे ने जनलोकपाल का मुद्दा छोड़कर अब भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध शुरू कर दिया है। लगता है कि वह समाचारों में बने रहने के लिये ऐसा कर रहे हैं। हालांकि, मैं अन्ना का पूरा सम्मान करता हूं।’ अग्निवेश ने नक्सली हमलों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों की मौत का सिलसिला जारी रहने को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे हरेक जवान की मौत पर उसके परिजन एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिये। इसके साथ ही, सरकार को बातचीत के जरिये नक्सल समस्या का समाधान खोजना चाहिये।

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