डॉक्टर कलाम को पूरी जिंदगी रहा इस बात का सबसे ज्यादा मलाल
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डॉक्टर कलाम को पूरी जिंदगी रहा इस बात का सबसे ज्यादा मलाल

देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अब हमारे साथ नही है। लेकिन उनकी कई प्रेरणादायक बातें सामने आ रही है। अपने निधन के आखिरी दिनों में एक किताब के जरिए डा. कलाम ने अपने दिल की बात कही थी जिसका उन्हें हमेशा से मलाल रहा था। वह इस बात को लेकर अक्सर दुखी हो जाते थे और अफसोस जाहिर करते थे।

डॉक्टर कलाम को पूरी जिंदगी रहा इस बात का सबसे ज्यादा मलाल

नई दिल्ली: देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अब हमारे साथ नही है। लेकिन उनकी कई प्रेरणादायक बातें सामने आ रही है। अपने निधन के आखिरी दिनों में एक किताब के जरिए डा. कलाम ने अपने दिल की बात कही थी जिसका उन्हें हमेशा से मलाल रहा था। वह इस बात को लेकर अक्सर दुखी हो जाते थे और अफसोस जाहिर करते थे।

किताब के माध्यम से डॉक्टर कलाम ने बताया था कि उनको अपने माता-पिता को 24 घंटे बिजली मुहैया नहीं करा पाने का मलाल आजतक है। डा. कलाम ने अपनी किताब 'रिइग्नाइटिड, साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर' में अपनी जिंदगी के बहुत से अनछुए पहलुओं को पेश किया है। उन्होंने कहा था कि मैं अपने माता-पिता को ऐसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा सका, क्योंकि उस समय ऐसी तकनीक नहीं थी। इसका मुझे सबसे बेहद अफसोस है।

डॉक्टर कलाम के मुताबिक  उनके बचपन के दिनों में अभाव सबसे बड़ी चुनौती था लेकिन उनके माता पिता ने कभी महसूस नहीं होने दिया कि उन्हें सब चीजों का इंतजाम करने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि उनके बड़े भाई 99 साल के एपीजे मरईकयार रामेश्वरम में अपने घर में अब 24 घंटे बिजली पा रहे हैं।

गौर हो कि 'मिसाइल मैन' और 'जनता के राष्ट्रपति' के रूप में लोकप्रिय हुए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का सोमवार शाम आईआईएम में एक व्याख्यान देने के दौरान गिरने के बाद निधन हो गया था। डॉ. कलाम को शाम करीब साढ़े छह बजे व्याख्यान के दौरान गिरने के बाद नाजुक हालत में बेथनी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया और उसके दो घंटे से अधिक समय बाद उनके निधन की पुष्टि की गई। डॉ. कलाम अक्तूबर में 84 साल के होने वाले थे।

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