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नई दिल्लीः बिहार में महागठबंधन से अलग हो बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले जेडीयू नेता नीतीश कुमार पर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव लगातार हमलावर रुख अख्तियार किए हुए है. लालू यादव ने रविवार को अपने ताजा हमले में नीतीश कुमार को 'अनैतिक' कुमार के साथ ही बहुत कुछ कह डाला. महागठबंधन की सरकार में रहने तक नीतीश को अपना छोटा भाई और सुशासन बाबू कहने वाले लालू यादव ने नीतीश को इतनी बुरा कहा जिसके बारे में किसी भी ने भी ना सोचा था. 30 जुलाई को किए अपने ट्वीट में लालू यादव ने नीतीश का नाम नहीं लिया. लेकिन ट्वीट की भाषा और संदर्भ बताते हैं कि लालू यादव नीतीश कुमार से बेहद खफा हैं.
लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीट में नीतीश को भरोसे का खून करने वाला और जनमत का डकैत करार दिया है.
‘वो नैतिकता, राजनीति, सामाजिक, लोकतांत्रिक भ्रष्टाचार का दुष्ट बॉस है, उसने भरोसे का खून किया है, जनमत का डाका डाला है, वो अनैतिक कुमार कौन है?
He is wicked master of Moral, Political, Social, Democratic corruption, murderer of trust & dacoit of mandate. Who is that amoral Kumar?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 30, 2017
लालू यादव को झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की नीतीश सरकार के खिलाफ RJD की याचिका
दरअसल 20 माह तक बिहार में महागठबंधन के साथ रहकर सत्ता चलाने वाले नीतीश कुमार की राजनीतिक चाल से स्तब्ध लालू यादव अब अपने इस पुराने सहयोगी के खिलाफ नये राजनीतिक आंदोलन की शुरुआत करना चाहते हैं. लालू यादव को इस आंदोलन के लिए अब नीतीश की ही पार्टी के सहयोगी शरद यादव के साथ की दरकार है. दावा किया जा रहा है कि बिहार के कद्दावर यादव नेता शरद यादव नीतीश-मोदी की इस दोस्ती से ज्यादा खुश नहीं है और पार्टी में बगावत कर सकते हैं.
नीतीश के फैसले से सहमत नहीं, जनादेश इसके लिए नहीं था : शरद यादव
इसी फेहरिस्त में आज शरद यादव ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी. शरद यादव में बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि वो इससे समहत नहीं थे. उन्होंने कहा कि बिहार में जनादेश इसके लिए नहीं था.
लालू के अलावा सीपीआई नेता डी.राजा ने भी शरद यादव से मुलाकात की थी. भाकपा नेता ने रविवार को शरद यादव से मुलाकात पर कहा, यादव बिहार के घटनाक्रम को लेकर ‘‘निराश और परेशान’’ हैं. भाकपा नेता ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि उन्हें :यादव: फैसले से दूर रखा गया.’’ राजा ने कहा कि यादव ने उन्हें कल फोन किया था जब वह चेन्नई में थे. इसके बाद उन्होंने यादव से मुलाकात की.