राज्यसभा में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जवाब देते हुए कहा कि इमरजेंसी के दौरान लोगों से जीने का अधिकार छीना गया। देश ने आपातकाल की कीमत चुकाई है। कांग्रेस इस मुद्दे पर खामोश क्यों हो जाती है। अप्रासंगिक मुद्दों को उठा कर देश की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
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नई दिल्ली : राज्यसभा में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जवाब देते हुए कहा कि इमरजेंसी के दौरान लोगों से जीने का अधिकार छीना गया। देश ने आपातकाल की कीमत चुकाई है। कांग्रेस इस मुद्दे पर खामोश क्यों हो जाती है। अप्रासंगिक मुद्दों को उठा कर देश की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जेटली ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए असहिष्णुता पर कांग्रेस द्वारा किए जा रहे हो-हंगामे को लेकर पूछा कि वो इमरजेंसी की बात क्यों भूल गई।
जेटली ने कहा कि संविधान में जीने का हक दिया गया है, लेकिन आपातकाल के दौरान ये अधिकार लोगों से छीना गया। मगर आज हम ज्यादा सुरक्षित हैं। पिछले 65 सालों में बहुत कुछ बदला है। कुछ बुनियादी परिवर्तन हुए जिसे विपक्ष को खुले मन से स्वीकार करने की जरुरत है। देश के सामाजिक ताने बाने को किसी तरह का खतरा नहीं है। सरकार सर्व धर्म संभाव में यकीन करती है, कुछ लोगों की तरफ से व्यर्थ में चिंता जताई जा रही है कि सामाजिक समरसता में खटास पैदा हो रही है।
जेटली ने विपक्ष पर इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने आपातकाल का समर्थन किया था, वे आज संविधान की बात कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जीने का अधिकार छीनने वाले लोग आज असहिष्णुता की बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर की वजह से भारत में लोकतंत्र है। डा. अंबेडकर केवल संविधान के निर्माता ही नहीं थे, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। अपमान के बाद भी बाबा साहब अंबेडकर ने हिम्मत नहीं हारी थी। स्वतंत्र न्यायपालिका भी संविधान की बड़ी देन है। संविधान की वजह से लोकतंत्र मजबूत हुआ, देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं मजबूत होकर निकली। उन्होंने कहा कि आज कोई भी टीवी पर आकर कोई बयान दे देता है तो वह असहिष्णुता का मुद्दा बन जाता है।
जेटली ने इंदिरा गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस आज असहिष्णुता को लेकर हंगामा मचा रही है लेकिन इंदिरा गांधी द्वारा देश पर थोपे गए इमरजेंसी की बात क्यों भूल गई? इमरजेंसी के समय संविधान की धारा 21 को भी निलंबित कर दिया गया था। इस समय देश में ऐसा कोई माहौल नहीं है, जबकि जानबूझकर ऐसा दिखाने की कोशिश की जा रही है।
जेटली ने कहा कि पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों में लोकतंत्र इसी तरह की कोशिशों के कारण ही हमेशा खतरे में रहा है। जेटली ने कहा कि हम बाबा साहब को केवल संविधान निर्माता ही नहीं बल्कि एक समाज सुधारक के रूप में भी देखते हैं। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव ने भारत को मजबूत संविधान दिया जिसमें सबका प्रतिनिधित्व है। जेटली ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी के प्रेरणा रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी संविधान सभा के सदस्य थे। मुखर्जी ने भी देश को दिशा दिखाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।
गौर हो कि सरकार ने संविधान के 65 साल पूरे होने के मौके पर संसद में दो दिन की विशेष चर्चा रखी है। गुरुवार को इस पर लोकसभा में चर्चा हुई थी और आज राज्यसभा में इस पर चर्चा का पहला दिन है।