PM मोदी और ओबामा की 'केमेस्ट्री' ने असैन्य परमाणु करार की बाधाओं को किया दूर
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PM मोदी और ओबामा की 'केमेस्ट्री' ने असैन्य परमाणु करार की बाधाओं को किया दूर

राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दोस्ताना माहौल में घंटों चली बातचीत के बाद भारत और अमेरिका ने दोनो देशों के संबंधों में मील का पत्थर रहे असैन्य परमाणु करार के कार्यान्वयन पर पिछले सात साल से जमी धूल हटाने के साथ ही मानव रहित आधुनिकतम विमान सहित कई महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों का मिलकर उत्पादन करने का फैसला किया।

PM मोदी और ओबामा की 'केमेस्ट्री' ने असैन्य परमाणु करार की बाधाओं को किया दूर

नई दिल्ली : राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दोस्ताना माहौल में घंटों चली बातचीत के बाद भारत और अमेरिका ने दोनो देशों के संबंधों में मील का पत्थर रहे असैन्य परमाणु करार के कार्यान्वयन पर पिछले सात साल से जमी धूल हटाने के साथ ही मानव रहित आधुनिकतम विमान सहित कई महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों का मिलकर उत्पादन करने का फैसला किया।

ओबामा ने इसे एक ‘ब्रेक-थ्रू’ (कामयाबी) करार दिया, जिसके अंतर्गत दोनो देशों ने इस महत्वपूर्ण समझौते के कार्यान्वयन के रास्ते में आ रही कुछ बाधाओं को हटाने पर सहमति जताई। इनमें हादसे की सूरत में परमाणु रिएक्टर की आपूर्ति करने वाले देश की जिम्मेदारी और इसके प्रस्तावित परमाणु संयंत्रों के लिए अमेरिका और अन्य देशों द्वारा सप्लाई किए गए ईंधन पर नजर रखने जैसे मुद्दे शामिल हैं।

विदेश सचिव सुजाता सिंह ने ओबामा और मोदी के बीच निर्धारित अवधि से कहीं अधिक तकरीबन तीन घंटे तक चले विचार विमर्श के बाद कहा, ‘हमने पिछले कुछ वर्षों का गतिरोध तोड़ दिया है। हम समझौते पर पहुंच गए हैं। समझौता संपन्न हुआ।’ दोनो देशों ने संवर्धित डिफेंस फ्रेमवर्क एग्रीमेंट को अगले दस वर्ष के लिए बढ़ा दिया और चार प्रमुख ‘पथखोजी परियोजनाओं’ की पहचान की, जिनके अंतर्गत अगली पीढ़ी के रावेन लघु यूएवी और सी 130 सैन्य परिवहन विमानों के लिए विशेषज्ञ किट्स के संयुक्त विकास और उत्पादन की बात शामिल है। दोनो देश जेट इंजन प्रौद्योगिकी की डिजाइनिंग और विकास के साथ ही विमान वाहक प्रौद्योगिकी का पता लगाने के लिए एक कार्य दल बनाने पर भी सहमत हुए।

नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'असैन्य परमाणु समझौता भारत-अमेरिका की आपसी समझ का केंद्र बिंदु है, जिससे नया विश्वास जाहिर हुआ है। इससे नए आर्थिक अवसर भी तैयार हुए हैं और स्वच्छ ऊर्जा के लिए हमारे विकल्प भी बढ़े हैं।'

उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि द्विपक्षीय समझौते के छह वर्ष बाद हम अब वाणिज्यिक सहयोग की दिशा में अपने कानून के अनुरूप, अपने अंतर्राष्ट्रीय कानूनी दायित्व, और तकनीकी व वाणिज्यिक व्यवहार्यता के अनुरूप आगे बढ़ रहे हैं।' इसे एक 'महत्वपूर्ण आपसी समझ' करार देते हुए ओबामा ने कहा कि दोनों नेता 'हमारे असैन्य परमाणु सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं और हम इसके पूर्ण रूप से लागू करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं।'

ओबामा ने कहा, 'यह एक महत्वपूर्ण कदम है और दर्शाता है कि हम कैसे अपने रिश्ते की उन्नति के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।' मोदी और ओबामा हैदराबाद हाउस में शिखर स्तर की चार घंटे तक चली लंबी बातचीत में शामिल हुए। ओबामा के साथ अपने चार माह के कार्यकाल के भीतर मोदी की यह दूसरी मुलाकात थी। दोनों नेताओं की पहली मुलाकात सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री की पहली अमेरिका यात्रा के दौरान हुई थी।

भारत-अमेरिका निवेश संधि पर वार्ता बहाल करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत द्विपक्षीय निवेश संधि पर अमेरिका के साथ अपनी बातचीत फिर शुरू करेगा, क्योंकि दोनों देशों का आर्थिक विकास बेहतर हो रहा है। मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बातचीत के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'दोनों देशों में आर्थिक विकास पहले से मजबूत हो रहा है. हम द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत फिर से शुरू करेंगे।' मोदी ने यह भी कहा कि भारत सामाजिक सुरक्षा समझौते पर भी अमेरिका के साथ चर्चा शुरू करेगा, जो अमेरिका में कार्यरत हजारों भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण है।

ओबामा ने अपने बयान में कहा, 'हमारी आर्थिक साझेदारी बढ़ी है और हमारी आर्थिक साझेदारी से हमारे लोगों का दैनिक जीवन सुधरेगा. हम द्विपक्षीय निवेश संधि पर आगे चर्चा करेंगे।' ओबामा ने भारत में व्यापार आसान बनाने के लिए मोदी के हाल सुधारों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, 'मेरे पिछले भारत दौरे और संसद को दिए मेरे संबोधन के समय से व्यापार बढ़ा है और हम प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग कर रहे हैं। हमारे देशों के बीच व्यापार 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है और यह 100 अरब डॉलर होने जा रहा है।'

भारत और अमेरिका रक्षा सहयोग बढ़ाएंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा प्रारूप समझौते का नवीनीकरण किया जा रहा है और दोनों देश इस क्षेत्र में सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष खास उन्नत रक्षा परियोजनाओं के सह विकास और सह उत्पादन के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए हैं। मोदी ने कहा, 'इससे हमारे घरेलू रक्षा उद्योग को उन्नत बनाने में और भारत में विनिर्माण क्षेत्र के विस्तार में मदद मिलेगी. हम उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग की तलाश करेंगे।' मोदी ने कहा कि समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाया जाएगा।

आतंकी संगठनों के बीच अंतर बंद हो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को प्रमुख वैश्विक खतरा करार देते हुए कहा कि आतंकवादी समूहों के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए और प्रत्येक देश को आतंकवाद के सुरक्षित अड्डों को नष्ट करने की प्रतिबद्धता पूरी करनी होगी। मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने में अमेरिका के साथ अधिक गहरा सहयोग बनाएगा। मोदी ने आतंकवाद को प्रमुख वैश्विक खतरा करार दिया। उन्होंने कहा, 'यह नया स्वरूप ले रहा है, यहां तक कि मौजूदा चुनौतियां जस की तस हैं। हम इस बात से सहमत हैं कि इससे निपटने के लिए हमें एक व्यापक वैश्विक रणनीति की जरूरत है।' उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, 'आतंकवादी समूहों के बीच फर्क नहीं होना चाहिए। प्रत्येक देश को आतंकवाद के सुरक्षित अड्डों को नष्ट करने की प्रतिबद्धता पूरी करनी होगी और आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाना होगा।'

ओबामा ने साथ-साथ चलने का किया वादा
गणतंत्र दिवस के समारोह में हिस्सा लेने भारत यात्रा पर आए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हिन्दी में बोलकर भारतीयों का दिल जीतने की कोशिश की और 'साथ-साथ चलने' का वादा किया। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद ओबामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कई वाक्य हिन्दी में बोले। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपना बयान 'नमस्ते' कहने के साथ पढ़ना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'आपको मेरा प्यार भरा नमस्कार' बयान के दौरान हिन्दी के एक वाक्यांश 'चाय पर चर्चा' का भी उन्होंने जिक्र किया। अपने बयान के अंत में ओबामा ने कहा, 'भारत और अमेरिका चलें साथ-साथ'।

सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता को समर्थन
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए भारत के दावे का समर्थन करते हुए कहा कि उसे विश्व स्तर पर बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। ओबामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनका देश सुरक्षा परिषद में सुधार के पक्ष में है जिसमें भारत को भी जगह मिले। दुनियाभर में शांति मिशनों में भारत की अहम भूमिका रही है और दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए उसे और व्यापक भूमिका निभानी चाहिए।

 

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इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अपने दो दिन के दौरे पर रविवार सुबह दिल्ली पहुंचे। पालम हवाई अड्डे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी अगवानी की। दिल्ली पहुंचने के बाद ओबामा को राष्ट्रपति भवन में गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। ओबामा के सम्मान में 21 तोपों की सलामी दी गई। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पीएम मोदी और केंद्रीय कैबिनेट के मंत्री मौजूद थे। गॉर्ड ऑफ ऑनर के बाद ओबामा राजघाट के लिए रवाना हो गए। राजघाट पर ओबामा ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और वहां पर पीपल का पौधा लगाया। राजघाट के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति हैदराबाद हाउस के लिए रवाना हुए।

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