सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस से NIA की मदद करने को कहा, हाई कोर्ट ने 'लव जिहाद' बता रद्द की थी हिन्दू महिला की शादी
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सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस से NIA की मदद करने को कहा, हाई कोर्ट ने 'लव जिहाद' बता रद्द की थी हिन्दू महिला की शादी

हिन्दू महिला ने इस्लाम धर्म कबूल करने के बाद जहान से निकाह किया था. आरोप है कि महिला को सीरिया में इस्लामिक स्टेट के मिशन ने भर्ती किया था और जहान सिर्फ उसके लिए काम करता था.

 पीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के अनुरोध का जवाब देने की जहान को अनुमति प्रदान कर दी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार (10 अगस्त) को केरल पुलिस को आदेश दिया कि वह उस मामले की जांच का ब्योरा एनआईए के साथ साझा करे जिसमें उच्च न्यायालय ने एक मुसलमान की धर्मांतरित हिंदू महिला से शादी को ‘लव जिहाद’ करार दिया था. यह मामला उच्चतम न्यायालय तब पहुंचा जब संबंधित व्यक्ति ने उसकी शादी केरल उच्च न्यायालय से रद्द होने को चुनौती दी. उच्च न्यायालय ने केरल पुलिस को ऐसे मामलों की जांच का आदेश दिया था.

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह पूरी तस्वीर समझने और यह जानने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बतौर तटस्थ एजेंसी जांच का जिम्मा सौंपा कि क्या यह खास घटना एक छोटे से इलाके तक सीमित है अथवा इस मुद्दे का व्यापक आयाम है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की पीठ ने केरल निवासी शफीन जहान के वकील की इस आपत्ति को गंभीरता से लिया कि राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को इस मामले के पुलिस के जांच रिकार्ड का अवलोकन नहीं करने दिया जाए. पीठ ने कहा कि उसे महसूस होता है कि याचिकाकर्ता (जहान) नहीं चाहता कि इस विवाद के बारे में न्यायालय के समक्ष सही और स्वतंत्र दृष्टिकोण सामने आये. पीठ ने कहा, ‘केरल पुलिस को एनआईए को सभी सहयोग देने का निर्देश दिया जाता है.’ उसने कहा कि उसके आदेश की प्रति केरल पुलिस को दी जाए.

एनआईए के वकील अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल मनिंदर सिंह ने शीर्ष अदालत से दरख्वास्त की कि एनआईए को राज्य पुलिस द्वारा की गयी जांच के रिकॉर्ड को देखने दिया जाए. पीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के अनुरोध का जवाब देने की जहान को अनुमति प्रदान कर दी. शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी केरल पुलिस को निष्पक्ष तरीके से मदद नहीं कर पाएगी यदि उसे जांच रिकॉर्ड नहीं देखने दिया जाता है.

पीठ ने टिप्पणी की, ‘हम पूरी तस्वीर जानना चाहते हैं. राष्टूीय जांच एजेन्सी पर किसी को संदेह क्यों होना चाहिए? क्या आप राष्ट्रीय जांच एजेन्सी पर संदेह कर रहे हैं? यदि एनआईए को रिकॉर्ड दिखाया जाता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है.’ इससे पहले, दिन में जांच एजेन्सी ने शीर्ष अदालत में केरल पुलिस को इस मामले की जांच का रिकॉर्ड दिखाने का निर्देश देने के लिये एक अर्जी दायर की.

जहान ने पिछले साल दिसंबर में एक हिन्दू महिला से निकाह किया था. केरल उच्च न्यायालय ने उसका निकाह रद्द करते हुये कहा था कि यह देश में महिलाओं की स्वतंत्रता का अपमान है. हिन्दू महिला ने इस्लाम धर्म कबूल करने के बाद जहान से निकाह किया था. आरोप है कि महिला को सीरिया में इस्लामिक स्टेट के मिशन ने भर्ती किया था और जहान सिर्फ उसके लिए काम करता था. उच्च न्यायलाय ने इस निकाह को ‘रद्द और शून्य’ घोषित करते हुये इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया था और राज्य पुलिस को ऐसे मामलों की जांच करने का आदेश दिया था.

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