मप्र: फेसबुक पर दी कलेक्टर को जान से मारने की धमकी, कहा- सांसद को जेल भेजो
Advertisement

मप्र: फेसबुक पर दी कलेक्टर को जान से मारने की धमकी, कहा- सांसद को जेल भेजो

मध्य प्रदेश के बैतूल में एक आदिवासी युवक ने फेसबुक पोस्ट पर जिलाधिकारी पर कई आरोप लगाए हैं. 

फाइल फोटो

भोपाल: मध्य प्रदेश के बैतूल संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित सांसद ज्योति धुर्वे के जाति प्रमाण-पत्र की जांच न किए जाने को लेकर जिला कलेक्टर शशांक मिश्र सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ एक व्यक्ति ने अपने फेसबुक वॉल पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है और जान से मारने की धमकी दी है. पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है. आदिवासी युवक निमिश सरियाम ने फेसबुक पोस्ट के जरिए बैतूल के जिलाधिकारी मिश्र पर कई आरोप लगाए हैं. साथ ही क्षेत्रीय सांसद ज्योति धुर्वे के जाति प्रमाण-पत्र के मामले में कार्रवाई न करने पर जान से मारने की धमकी दी है. उसने उसके बाद आत्महत्या कर लेने की भी बात की है.

किताब पढ़कर बनाया प्‍लान 
जिलाधिकारी शंशाक मिश्र का कहना है कि फेसबुक पर बैतूल कलेक्टर के खिलाफ की गई पोस्ट की मुझे जानकारी है। इस संबंध में मैंने एसपी बैतूल से भी चर्चा की है. निमिश ने मंगलवार को फेसबुक वाल पर लिखा है कि आज सुबह मैंने चंद्रशेखर आजाद की किताब पढ़ी. मैं भी शहीद होने के चक्कर में हूं. आदिवासी समाज व देश के कानून में सुधार के लिए. निमिश ने आगे लिखा है कि अगर बैतूल के कलेक्टर एक महीने के अंदर फर्जी और अपराधी सांसद को जेल नहीं भिजवाते हैं. आदिवासियों को हक नहीं दिलाते हैं, तो मैं कलेक्टर को मारने के बाद आत्महत्या कर लूंगा. 

मप्र: बच्‍चों के बयान ने मां को दिलाई सजा, प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्‍या

कलेक्‍टर पर सांसद को जेल न भेजने का आरोप 
निमिश ने एक और पोस्ट में लिखा है कि वही सांसद को जेल नहीं भिजवा रहा है. कोर्ट का आदेश आ चुका है. बैतूल जिलाधिकारी के पास सांसद को जेल भेजने का सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय का आदेश है. निमिश ने एक अन्य पोस्ट में देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सांसद ज्योति धुर्वे पर भी टिप्पणी की है. 

सांसद के जाति प्रमाण-पत्र पर सवाल 
गौरतलब है कि सांसद धुर्वे पर आरोप है कि वह जनजातीय वर्ग से नहीं हैं. फिर भी वह इस आरक्षित सीट से लोकसभा का चुनाव लड़कर जीती हैं. उनके जाति प्रमाण-पत्र पर सवाल उठे हैं. राज्यस्तरीय छानबीन समिति भी धुर्वे के जाति प्रमाण-पत्र पर सवाल उठा चुकी है. पुलिस अधीक्षक डी. आर. तेनीवार ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस को प्रकरण दर्ज करने के लिए फरियादी की आवश्यकता होती है, और अभी तक किसी ने पुलिस में कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई है. 

(इनपुट: IANS)

Trending news