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मुम्बई : सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सितलवाड ने विदेशी अंशदान नियमन कानून (एफसीआरए) का उल्लंघन करके कथित तौर पर करीब 2.9 लाख डॉलर का विदेशी दान प्राप्त करने के लिए अपनी कंपनी के खिलाफ दर्ज एक मामले के सिलसिले में सोमवार को सीबीआई के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया।
तीस्ता से एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार तक केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के समक्ष पेश होने के लिए कहा था। गत शुक्रवार को विशेष सीबीआई न्यायाधीश अनीस खान ने सितलवाड और उनके पति जावेद आनंद की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जियों पर आदेश कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था जबकि दोनों को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया था।
सीबीआई ने सबरंग कम्युनिकेशन एंड पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आठ जुलाई को एक मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि एससीपीपीएल विदेश से धनराशि एकत्रित करने के लिए एफसीआरए के तहत पंजीकृत नहीं थी और इसलिए करीब 1.8 करोड़ रूपये :2.9 लाख डालर: कानून का उल्लंघन करके प्राप्त किया गया क्योंकि संगठन को केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूर्व अनुमति प्राप्त करनी चाहिए थी।
सीबीआई अधिकारियों ने 14 जुलाई को चार स्थानों पर छापे मारे थे जिसमें सितलवाड, आनंद, एक सहयोगी गुलाम मोहम्मद पेशइमाम के परिसरों और एससीपीपीएल कार्यालय शामिल हैं।
जांच एजेंसी ने जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया था कि एससीपीपीएल को विदेश अंशदान हस्तानांतरण के पीछे का उद्देश्य ‘आंतरिक सुरक्षा और भारत में गतिविधियों के संबंध में हस्तक्षेप’प्रतिबिंबित होता है। एजेंसी ने सितलवाड के इस दावे का भी विरोध किया कि प्राप्त धनराशि मशविरे की फीस के तौर पर प्राप्त हुई थी।