लातूर के सूखे में खिला 'कमल', आजाद भारत में पहली बार ढहा कांग्रेस का दुर्ग
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लातूर के सूखे में खिला 'कमल', आजाद भारत में पहली बार ढहा कांग्रेस का दुर्ग

लातूर के सूखे में खिला 'कमल', आजादी के बाद से पहली बार ढहा कांग्रेस का दुर्ग  (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र के लातूर की जनता ने महानगरपालिका चुनावों में ऐतिहासिक फैसला सुनाया. लातूर नगर पालिका चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की है. आजादी के बाद से पहली बार कांग्रेस नगरपालिका चुनाव में हारी है.  पांच साल से सूखे की मार झेल रहे लातूर में बुधवार को चुनाव हुए थे जिसमें बीजेपी ने 70 सीटों वाले लातूर निकाय के चुनाव में जीत हासिल की है. 

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लातूर महानगरपालिका चुनाव के आंकड़े देखें तो भारतीय जनता पार्टी के खाते में सबसे ज्यादा 38 सीटें आई हैं. कांग्रेस के खाते में महज 30 सीटें गई हैं. 2012 निकाय चुनाव में कांग्रेस ने यहां 49 सीटें जीती थी. उस समय बीजेपी का यहां खाता भी नहीं खुला था. हालांकि इस बार बीजेपी ने जबरदस्त वापसी करते हुए निकाय चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें हासिल की. लातूर निकाय चुनाव में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के पीछे सबसे अहम हाथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का बताया जा रहा है. फडणवीस ने हाल ही में चुनावी अभियान में कहा ता कि अगर बीजेपी यहां जीतती है तो लातूर को सूखा-मुक्त बना देंगे.

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लातूर में पानी की किल्लत ने 2016 की गर्मियों में सबका ध्यान खींचा. क्या मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और रेलमंत्री तक इस शहर की पानी की किल्लत को लेकर चिंतित देखे गए. नतीजतन देश में सूखे से निबटने के लिए तात्कालिक विकल्प के रूप में पश्चिम महाराष्ट्र के मिराज से मराठवाड़ा के लातूर शहर को रेल वैगन से पानी सप्लाई कर लोगों की प्यास बुझाई गई. इसे लातूर वाटर एक्सप्रेस कहा गया. इस कवायद की तब खूब चर्चा हुई थी. 

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कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी की सियासी सेंध

आपको बता दें कि लातूर कांग्रेस का गढ़ रहा है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम विलासराव देशमुख यहीं से चुनाव लड़ते रहे. विलासराव करीब साढे 8 साल राज्य के सीएम रहे लेकिन लातूर की जनता फिर भी प्यासी रही. इस सीट का चले जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कम सीट मिलने से पार्टी पहले ही सदमे में है. कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने महाराष्ट्र में दस साल तक राज किया है. वहीं बीजेपी के लिए लातूर की जीत उसे महाराष्ट्र की नंबर वन पार्टी बनाती है जबकि कुछ साल पहले उसका स्थान चौथे नंबर पर था.

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