अकेले चुनाव लड़ने के फैसले से शिवसेना का ही नुकसान होगा: बीजेपी
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अकेले चुनाव लड़ने के फैसले से शिवसेना का ही नुकसान होगा: बीजेपी

भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने कहा, ‘‘हम गठबंधन को लेकर गंभीर थे. लेकिन यदि शिवसेना गंभीर नहीं है तो भाजपा (अकेले लड़ने के लिए तैयार है) और महाराष्ट्र भी तैयार है.’’ 

 शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन ना करने और अगले साल होने वाले लोकसभा तथा आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के लिए मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया. (फाइल फोटो)

मुंबई: भाजपा ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के शिवसेना के फैसले का नुकसान उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी को ही होगा. भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने कहा, ‘‘इससे उनका नुकसान होगा.’’ शेलार ने कहा, ‘‘हम गठबंधन को लेकर गंभीर थे. लेकिन यदि शिवसेना गंभीर नहीं है तो भाजपा (अकेले लड़ने के लिए तैयार है) और महाराष्ट्र भी तैयार है.’’ 

  1. शिवसेना ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया
  2. बीजेपी ने कहा हम गठबंधन को लेकर गंभीर थे
  3. इस फैसले से शिवसेना का ही नुकसान होगा : शिवसेना

शिवसेना ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया
शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन ना करने और अगले साल होने वाले लोकसभा तथा आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के लिए मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया. शिवसेना सांसद संजय राउत ने यह प्रस्ताव पेश किया और कहा कि भाजपा पिछले तीन सालों से पार्टी को हतोत्साहित करती आ रही है. मुंबई में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ.

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राउत ने कहा, 'मैंने पार्टी के 2019 का लोकसभा और उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के लिए प्रस्ताव पेश किया.'’’उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में कम से कम 25 लोकसभा सीट (कुल 48 में से) और 125 विधानसभा सीट (कुल 288 में से) जीतेगी. राउत ने कहा, 'भाजपा ने हिंदुत्व के नाम पर शिवसेना के साथ गठबंधन किया था और हिंदुत्व के चलते पार्टी ने धैर्य बनाए रखा. लेकिन पिछले तीन सालों से भाजपा सत्ता के बल पर शिवसेना को हतोत्साहित करती आ रही है.' शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं ने राउत के प्रस्ताव का समर्थन किया.

कांग्रेस ने कहा शिवसेना को लोग गंभीरता से नहीं लेते
विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की शिवसेना की घोषणा का मंगलवार को मजाक उड़ाया और सवाल किया कि क्यों वह अब भी भाजपा की अगुवाई वाली सरकार का हिस्सा बनी हुई है. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने शिवसेना के निर्णय को ‘हास्यास्पद’ और ‘अतार्किक’ बताया. उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना सरकार की एक सहयोगी बनी हुई है और इसकी नीतियों की आलोचना कर रही है. पार्टी ने सरकार से बाहर होने की घोषणा का शतक पूरा कर लिया है लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया है. लोग शिवसेना को गंभीरता से नहीं लेते हैं.’’ 

राकांपा का शिवसेना पर निशाना
राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने शिवसेना से भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने और मध्यावधि चुनाव कराने की मांग की. उन्होंने कहा, ‘‘हम चुनाव के लिए तैयार हैं.’’ मलिक ने आरोप लगाया कि अपनी पार्टी में तोड़फोड़ का भय शिवसेना को सरकार से बाहर निकालने से रोक रहा है.

(इनपुट - भाषा)

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