नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के दोषी को तीन साल का कठोर कारावास
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नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के दोषी को तीन साल का कठोर कारावास

विशेष पोक्सो अदालत के न्यायाधीश जी पी शिरसत ने मंगलवार को अपने आदेश में दोषी पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

फाइल फोटो

ठाणे (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के दोषी, 37 वर्षीय एक व्यक्ति को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. विशेष पोक्सो अदालत के न्यायाधीश जी पी शिरसत ने मंगलवार को अपने आदेश में दोषी पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि 7 मार्च 2016 को, जब 10 वर्षीय लड़की भिवंडी तहसील के कलहेर गांव में एक कबड्डी मैच में भाग ले रही थी, तब उसी गांव के रहनेवाले आरोपी ने लड़की को मैच स्थल के पास एक अलग, सुनसान जगह पर बुला कर उसे अनुचित तरीके से स्पर्श किया. 

लड़की ने उस घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी जिन्होंने आरोपी की तलाश की लेकिन उसका पता नहीं लगा सके. कुछ दिनों बाद, आरोपी ने फिर से लड़की के साथ छेड़छाड़ की, जब वह गांव के एक मंदिर गई थी. पीड़ित ने अपने माता-पिता को तुरंत सूचित किया, जिन्होंने उस व्यक्ति को पकड़ा और पुलिस को सौंप दिया.

आरोपी के वकील ने यह कहकर अदालत से रहम की गुहार लगाई कि वह अपने परिवार में कमाने वाला एकमात्र सदस्य है. वहीं अभियोजन पक्ष ने मांग की कि उसे अपराध के लिए कड़ी सजा दी जानी चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद, न्यायाधीश ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि जुर्माने के साथ दोषी को सख्त सजा देना जरूरी है.

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