संसदीय समिति के सवालों में उलझे उर्जित पटेल तो मनमोहन ने किया बचाव
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संसदीय समिति के सवालों में उलझे उर्जित पटेल तो मनमोहन ने किया बचाव

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल नोटबंदी के मुद्दे पर बुधवार को जब संसदीय समिति के समक्ष पेशी के दौरान सवालों से घिर गए तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हस्तक्षेप कर उनका बचाव किया। यह जानकरी समिति के विश्वस्त सूत्रों ने दी।

संसदीय समिति के सवालों में उलझे उर्जित पटेल तो मनमोहन ने किया बचाव

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल नोटबंदी के मुद्दे पर बुधवार को जब संसदीय समिति के समक्ष पेशी के दौरान सवालों से घिर गए तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हस्तक्षेप कर उनका बचाव किया। यह जानकरी समिति के विश्वस्त सूत्रों ने दी।

समिति के सूत्रों ने बताया कि पटेल रिजर्व बैंक तथा वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारियों की टीम के साथ वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए। सदस्यों ने उनके समक्ष कई मुश्किल सवाल रखे। बैंकिंग प्रणाली में स्थिति कब तक सामान्य होगी और 50 दिन की निर्धारित अवधि में कितने पुराने नोट जमा हुए, ऐसे कुछ अटपटे सवाल थे जिनका वह कोई सीधा जवाब देने की स्थिति में नहीं दिखे।

समिति के सदस्यों की ओर से अभी पटेल की और खिंचाई होती, इससे पहले मनमोहन ने कहा कि एक संस्थान के रूप में केंद्रीय बैंक और गवर्नर के पद का सम्मान किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में नोटबंदी पर अपने भाषण में इसे ऐतिहासिक विफलता तथा संगठित लूट कह कर इसकी तीखी आलोचना की थी। 

मनमोहन सिंह खुद रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके हैं। समझा जाता है कि उन्होंने समिति से कहा कि आरबीआई गवर्नर से अटपटे सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए। नकदी निकासी की सीमा को हटाए नहीं जाने के बारे में एक सदस्य के सवाल पर मनमोहन सिंह ने पटेल से कहा कि उन्हें इसका जवाब देने की जरूरत नहीं है।

सवाल जवाब के दौरान गवर्नर उर्जित पटेल ने संसदीय समिति को बताया कि नोटबंदी की घोषणा के बाद से 9.2 लाख करोड़ रुपये के नए नोट जारी किए जा चुके हैं। वित्त मामलों की स्थायी समिति के सदस्य सौगत रॉय ने आरबीआई गवर्नर के साथ हुई बैठक के बाद कहा, जब उनसे पूछा गया कि कितने रुपये के नए नोट जारी किए गए तो उन्होंने बताया कि नौ लाख करोड़ से अधिक राशि के नए नोट अब तक जारी कर दिए गए हैं।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने बताया, आरबीआई गवर्नर ने बताया कि केंद्र सरकार ने आरबीआई को नोटबंदी का सुझाव दिया था। इसके बाद बोर्ड ने राय मशविरा कर नोटबंदी का फैसला लिया। रॉय ने कहा, नोटबंदी के बाद कितनी राशि के पुराने अमान्य करार कर दिए नोट बैंकों में जमा हुए, पूछने पर उर्जित ने बताया कि अभी वह सही-सही आंकड़े नहीं दे सकते, क्योंकि गणना का काम अभी चल रहा है।

विपक्षी दल के सदस्यों के अनुसार, उर्जित यह बताने में भी असमर्थ रहे कि स्थिति कब तक सामान्य होगी और आरबीआई के अन्य अधिकारी बचाव की मुद्रा में रहे। वित्त मामलों की स्थायी समिति की इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सभी विभागों के सचिव तथा बैंक संघों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कांग्रेस सांसद वीरप्पा मोइली इस संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं। आरबीआई ने अब तक नहीं बताया कि अवैध करार दे दिए गए 15.44 लाख करोड़ रुपयों में से कितनी राशि बैंकों में वापस आ चुकी है। 

इससे पहले सात दिसंबर, 2016 को मौद्रिक नीति पर संवाददाता सम्मेलन में डिप्टी गवर्नर आर. गांधी ने बताया था कि नोटबंदी के बाद छह दिसंबर, 2016 तक चार लाख करोड़ रुपये के नए नोट जारी किए जा चुके हैं, जिसमें से 1.06 लाख करोड़ रुपये की राशि 100 रुपये से लेकर उससे कम राशि के नोटों के रूप में जारी हुए तथा 2.94 लाख करोड़ रुपये की राशि 500 और 2,000 रुपये के नए नोटों के रूप में किए गए। आरबीआई ने इसके बाद 19 दिसंबर, 2016 को जारी नए आंकड़ों में कहा था कि नोटबंदी के बाद से कुल 5.93 लाख करोड़ रुपये की राशि के नोट जारी किए गए हैं।

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