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नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने दावा किया कि अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय मोदी सरकार के दो साल के शासनकाल में अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू कर ‘जानबूझकर बनाई गई’ यह धारणा बदलने में सफल रहा है कि मोदी सरकार अल्पसंख्यक-विरोधी साबित होगी।
मंत्री ने कहा, ‘लोकसभा चुनावों से पहले लोगों के दिमाग में जानबूझकर यह धारणा बनाई गई और यह डर पैदा किया गया कि यदि मोदी जी सत्ता में आते हैं तो वह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को खत्म कर देंगे या अगर वह बना रहा तो उसके बजट में तो निश्चित तौर पर कटौती कर दी जाएगी। ऐसे हालात में यह मंत्रालय संभालना मेरे लिए बेहद चुनौतियों से भरा हुआ था। लेकिन मैं इसे स्वीकार किया और चीजें बदल गईं।’
नजमा मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाते हुए ये बातें कह रही थीं। अल्पसंख्यकों के विकास के लिए अपने मंत्रालय की ओर से शुरू की गई ‘नई मंजिल’, ‘सीखो और कमाओ’, ‘उस्ताद’ और ‘हमारी धरोहर’ जैसी नई पहलों का जिक्र करते हुए नजमा ने कहा कि राज्यों को 10 फीसदी अतिरिक्त धनराशि आवंटित किए जाने के बाद बजट आवंटन में लगातार इजाफा हुआ है और मंत्रालय के लिए योजना बजट में कोई कटौती नहीं की गई है।