पीएम मोदी ने राउरकेला इस्पात संयंत्र की नई परियोजना देश को समर्पित की
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पीएम मोदी ने राउरकेला इस्पात संयंत्र की नई परियोजना देश को समर्पित की

प्रधानमंत्री ने आज कहा कि भारत को इस्पात उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है ताकि वह चीन से आगे निकल कर विश्व का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बन सके। मोदी ने यहां सेल के राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में 12,000 करोड़ रुपए की विस्तार परियोजना देश को समर्पित करते हुए कही।

राउरकेला : प्रधानमंत्री ने आज कहा कि भारत को इस्पात उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है ताकि वह चीन से आगे निकल कर विश्व का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बन सके। मोदी ने यहां सेल के राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में 12,000 करोड़ रुपए की विस्तार परियोजना देश को समर्पित करते हुए कही।

इस्पात उद्योग से कहा कि वे अपना उत्पादन बढ़ाकर विश्व में अव्वल नंबर पर पहुंचें और ऐसी गुणवत्ता सुनिश्चित करें कि विश्व का ध्यान आकृष्ट हो। मोदी ने कहा कि उत्पादन के लिहाज से भारत अमेरिका को पार कर चुका है लेकिन अभी चीन से पीछे है। उन्होंने कहा हमें शीर्ष पर पहुंचना चाहिए। प्रधानमंत्री स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड के परिसर की यात्रा के बाद ओड़िशा के राउरकेला एक विशाल सभा को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने यहां 12,000 करोड़ रुपए के आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत आरएसपी परियोजना में स्थापित सुविधाओं को देश को समर्पित किया और नयी प्लेट मिल का कामकाज देखा। विस्तार परियोजना से इस संयंत्र की क्षमता 20 लाख टन से बढ़ाकर 45 लाख टन सालाना हो गयी है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत के इस्पात क्षेत्र में अपार संभावना है जो देश की सुरक्षा और रक्षा मुद्दों से भी जुड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे पास विशाल संसाधन और खनिज है और कच्चे माल के निर्यात के बदले हम अपने यहां उसका मूल्यवर्धन कर सकते हैं ताकि वैश्विक बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद बेच सकें। उन्होंने कहा कि भारत जंगी बेड़े के विनिर्माण और इसमें अपने श्रमिकों की ज्यादा बड़ी भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

मोदी ने कहा यहां निर्मित अच्छी गुणवत्ता वाले इस्पात का उपयोग टैंक में हो रहा है जिसका उपयोग भारतीय सेना कर रही है। उन्होंने राउरकेला को ऐसा शहर बताया जो जिसने भारत को फौलादी ताकत प्रदान की है और आरएसपी की राष्ट्र की रक्षा में प्रमुख भूमिका है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व भारत की ओर एक बार फिर आशा की दृष्टि से देख रहा है। उन्होंने विश्व भर के निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने विशेष तौर पर असम, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे भारत के पूर्वी क्षेत्रों को विकसित करने की जरूरत पर बल दिया।

मोदी जवाहरलाल नेहरू के बाद आरएसपी का दौरा करने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि कि पूर्वी क्षेत्र के लौह एवं इस्पात क्षेत्र में बुहत सी संभावनाएं है जिसका फायदा उठाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य देश के विकास में बराबरी के हिस्सेदार हैं। उन्होंने केंद्र द्वारा राज्यों को मजबूत बनाने की पहलों के बारे में भी बात की जिनमें खनिज रायल्टी बढ़ाना और वित्तीय संसाधनों का ज्यादा आवंटन शामिल है।

प्रधानमंत्री ने संयंत्र के अपने पहले दौर में मोदी ने इस्पात जनरल हास्पिटल को सुपर स्पेशलिटी सेंटर और मेडिकल कालेज बनाने की भी घोषणा की। साथ ही ‘नवकलेवर’ के लिए 50 करोड़ रपए देने की भी घोषणा की। यह परंपरा भगवान जगन्नाथ के काष्ठ शरीर के परिवर्तन से जुड़ी है।

राउरकेला में पिछले साल चार अप्रैल को अपनी चुनावी सभा के बाद यहां आए मोदी ने पिछले एक साल में की गई पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने खनिज पर रायल्टी बढ़ायी है जिससे खनिज संपन्न राज्यों को फायद हुआ है।

उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयेाग से ओड़िशा को बहुत फायदा हुआ है क्योंकि राज्य को नए वित्त वर्ष से 25,000 करोड़ रपए मिलेंगे जबकि चालू वित्त वर्ष के दौरान 18,000 करोड़ रुपए मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राज्यों का दर्द समझते हैं और अब केंद्र में राज्यों की वास्तविक मांगों की उपेक्षा करने की प्रवृद्धि नहीं होगी। कोयला नीलामी के बारे में मोदी ने कहा कि इससे प्राप्त राजस्व का राज्य के विकास में उल्लेखनीय योगदान होगा।

उन्होंने कहा, हमने विश्व को दिखा दिया कि पारदर्शी नीलामी से क्या हो सकता है। सरकार ने कोयला खानों की नीलामी से दो लाखा करोड़ रपए से अधिक इकट्ठा किए और यह केंद्रीय खजाने में नहीं जाएगा। बजाय इसके धन ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे कोयला उत्पादक राज्यों को जाएगा।

मोदी कहा कि जब वह कोयला ब्लाक आवंटन में भ्रष्टाचार के बारे में बात करते थे और कैग की रपट में बिना नीलामी के खानों के आवंटन के मामले में सरकार को 1.76 करोड़ रपए के नुकसान की बात कही गई तो लोग कहते थे कि राशि इतनी बड़ी नहीं होगी। उन्होंने कहा उच्चतम न्यायालय द्वारा 204 कोयला ब्लाकों का आवंटन रद्द करने के बाद अब लोगों के सामने है कि इससे पहले खानों के आवंटन में कितना भ्रष्टाचार था। उन्होंने कहा कि संसद द्वारा एमएमडीआर विधयेक पारित करना उनकी सरकार की एक और उपलब्धि हरी जिससे राज्यों को बड़ा राजस्व मिलेगा और देश की आर्थिक प्रगति होगी। उन्होंने एमएमडीआर विधेयक को समर्थन देने के लिए ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का धन्यवाद दिया।

मोदी ने कहा, पिछले 10 महीने में मेरी सरकार पर कोई दाग नहीं है .. मैं राजनेता नहीं बल्कि सेवादार हूं .. राष्ट्र निर्माण के लिए लोगों से समर्थन की जरूरत है। मोदी ने कहा कि देश की युवाओं को आगे आने और राष्ट्र निर्माण से जुड़ने की जरूरत है क्योंकि भारत की 65 प्रतिशत आबादी युवा है जिनकी उम्र 35 साल से कम है। उन्होंने कहा कि उद्योगों का नेटवर्क स्थापित किया जा सकता है जिससे रोजगार की विशाल संभावना पैदा होगी।

प्रधानमंत्री ने एकीकृत इस्पात संयंत्र के वर्ग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 2011-11 के लिए टाटा स्टील, 2011-12 के लिए भिलाई स्टील संयंत्र, 2012-13 के लिए सेल और जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड को ट्रॉफियां भी प्रदान की।

इस मौके पर ओड़िशा के गवर्नर एस सी जमीर, राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव, नरेंद्र सिंह तोमर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और इस्पात राज्य मंत्री विष्णु देव साइ मौजूद थे। इस्पात एवं खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सेल 2025 तक अपनी क्षमता बढ़कर पांच करोड़ टन करने की योजना पर काम करेगा।

सेल ने अपने ‘विजन 2025’ का खाका तैयार किया है जिसके तहत 2025 तक कंपनी की क्षमता बढ़कर पांच करोड़ टन करने की योजना है जिसमें करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यह देश की क्षमता तिगुनी बढ़ाकर करीब 10 करोड़ टन सालाना करने की योजना के अनुरूप है।

विजन 2025 के मुताबिक सेल ने ओड़िशा संयंत्र में 36,000 करोड़ रुपए की निवेश योजना के तहत आरएसपी की क्षमता बढ़ाकर 1.08 करोड़ टन सालाना करने की योजना बनाई है। इस चरण क पूरा होने के बाद आरएसपी बोकारो के बाद सेल का दूसरा सबसे बड़ा संयंत्र होगा। अगले चरण की विस्तार योजना तुरंत शुरू होगी। सेल के पांच एकीकृत संयंत्र हैं जो भिलाई, बोकारो, राउरकेला, दुर्गापुर और बर्नपुर में हैं और सेलम में एक विशेष इस्पात संयंत्र है।

 

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