जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा किये गए हमले में पांच सैन्यकर्मियों सहित 6 की मौत हो गई जबकि 10 अन्य घायल हो गए थे.
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जम्मूः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने सुंजवान सैन्य शिविर का रविवार (11 फरवरी) को दौरा किया और मुठभेड़ स्थल से सेना द्वारा एकत्रित सबूतों की जांच पड़ताल की. सैन्य शिविर पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के एक समूह ने हमला किया था. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा किये गए हमले में पांच सैन्यकर्मियों सहित 6 की मौत हो गई जबकि 10 अन्य घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई में 3 आतंकवादी मारे गए.
यहां जम्मू-पठानकोट बाईपास पर स्थित सैन्य स्टेशन के भीतर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई शनिवार (10 फरवरी) शुरू हुई थी और यह रविवार दूसरे दिन भी जारी थी.
एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि यद्यपि अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, एनआईए टीम ने शिविर के भीतर मुठभेड़ स्थल का दौरा किया और सेना द्वारा एकत्रित सबूत की जांच पड़ताल की.एनआईए नवम्बर 2016 में हुए नगरौटा हमला मामले की पहले ही जांच कर रही है. उसने पठानकोट एयरबेस हमला मामले में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है और इसमें जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर को आरोपी बनाया है.
#SunjwanArmyCamp attack: National Investigation Agency team at Sunjwan Army Camp at Jammu. (Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/8W63VIyshF
— ANI (@ANI) February 11, 2018
अधिकारी ने कहा कि चूंकि (सुंजवां) हमला भी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों का काम है, एनआईए पूर्ववर्ती मामलों से उसके संबंध देख रही है जो कि जिससे उसे अजहर के मामले में एक मजबूत मामला बनाने में मदद मिलेगी और भारत संयुक्त राष्ट्र में एक मजबूत मामला बना सकता है.
सुंजवान आर्मी कैंप में छिपे 2 और आतंकवादियों को मारा गिराया है जबकि जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध आतंकवादियों के हमले में सेना के 3 और जवानों के शहीद होने तथा 1 नागरिक के मारे जाने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद के भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने शिविर पर शनिवार तड़के हमला कर दिया था. सुरक्षाबलों ने शनिवार को दो आतंकवादियों को मार गिराया था.
#SpotVisuals Four fire tenders rushed to #SunjwanArmyCamp as a precautionary measure #JammuAndKashmir pic.twitter.com/5KZkLNeLUq
— ANI (@ANI) February 11, 2018
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘2 और आतंकवादी मारे गए हैं. इसके साथ ही अब मारे गए आतंकवादियों की संख्या 4 हो गई है.’’ शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि सेना के तीन और जवान शहीद हो गए तथा एक सैन्य कर्मी के पिता की मौत हो गई. इसके साथ ही मृतकों की संख्या छह हो गयी है .सेना के एक अधिकारी ने बताया कि अभियान जारी है .
जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने मीडिया से कहा, ‘‘अभियान चल रहा है और क्वार्टरों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है.’’ उन्होंने बताया कि कई परिवार अब भी वहां हैं और सेना का मकसद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है.अधिकारी ने कहा, ‘‘शनिवार रात से कोई गोलीबारी नहीं हुई.’’ जम्मू क्षेत्र में करीब 15 महीने पहले ऐसा ही हमला हुआ था. 29 नवंबर 2016 को आतंकवादी जम्मू शहर में नगरोटा आर्मी कैंप में घुसे थे जिसमें दो अधिकारी समेत सात सैन्य कर्मी शहीद हो गए थे. इसमें तीन आतंकवादी भी मारे गए थे.आतंकवादी कल भोर होने से पहले संतरी से संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद पीछे की ओर से शिविर के भीतर घुसे थे .
अधिकारी ने कहा, ‘‘आतंकवादी आवासीय परिसर में घुसे जिसके बाद त्वरित कार्रवाई दलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और शिविर के भीतर कुछ घरों में छिपे आतंकवादियों को घेर लिया.’’ शिविर के सामने जम्मू-लखनपुर बाइपास पर वाहनों की आवाजाही जारी है जबकि बुलेट प्रूफ वाहनों में सवार सैन्य कर्मी शिविर के पीछे की ओर आवासीय परिसर से लोगों को निकालने के अभियान में जुटे हैं.
सीआरपीएफ और पुलिस के दल शिविर की दीवार के बाहर तैनात हैं और नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखे हुए हैं. जम्मू में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और शहर में तथा आसपास के इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.खुफिया एजेंसियों ने अफजल गुरू की बरसी के मद्देनजर जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सेना या सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले की चेतावनी दी थी. अफजल गुरू को वर्ष 2001 में संसद भवन पर हमले के दोष में नौ फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी.
(इनपुट भाषा से)