नेपाल में भूकंप : मृतकों की संख्या 2,200 के पार, ताजा झटके से बाधित हुआ 'ऑपरेशन मैत्री' अभियान
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नेपाल में भूकंप : मृतकों की संख्या 2,200 के पार, ताजा झटके से बाधित हुआ 'ऑपरेशन मैत्री' अभियान

नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से मरने वालों की संख्या आज बढ़कर 2200 हो गई जिसमें से काठमांडो घाटी में ही 1,053 लोगों की जानें गई हैं। रविवार सुबह भी नेपाल में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। हालांकि उसकी तीव्रता बहुत ज्यादा नहीं थी। इस ताजा झटके से भारतीय सेना के 'ऑपरेशन मैत्री' अभियान को भी झटका लगा है।

नेपाल में भूकंप : मृतकों की संख्या 2,200 के पार, ताजा झटके से बाधित हुआ 'ऑपरेशन मैत्री' अभियान

काठमांडो/नई दिल्ली : नेपाल में भूकंप के कहर से मरने वालों की तादाद आज 2,200 के पार हो गई जबकि भारी-भरकम मशीनों से लेकर खाली हाथ बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों को निकालने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। रविवार सुबह भी नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। ताजा झटके से भारतीय सेना के 'ऑपरेशन मैत्री' अभियान को भी झटका लगा है। ऐतिहासिक धरहरा टॉवर सहित कई मकान और इमारतें ध्वस्त हो गईं तथा राजधानी का दरबार स्क्वायर भी नहीं बच पाया जहां कभी बॉलीवुड की फिल्म महान के लिए अमिताभ बच्चन और जीनत अमान ने शूटिंग की थी।

इस बीच, रविवार को 6.7 तीव्रता वाले भूकंप के एक जोरदार झटके ने दहशत मचा दी और इससे राहत प्रयास बाधित हुए। आज के झटके से दहशत मच गई और लोगों को जिधर भी खाली एवं सुरक्षित जगह दिखी, भागे चले गए। नेपाल के शहरी विकास मंत्री नारायण खटकर ने बताया, ‘ताजातरीन आंकड़े बता रहे हैं कि 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई हजार लोग घायल हो गए और नए आंकड़े आ रहे हैं।’ इस बीच, एक पुलिस अधिकारी ने यहां मीडिया को बताया कि विनाशकारी भूकंप से 2,123 लोगों की मौत हो चुकी है। 5,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।

नेपाल में 7.9 तीव्रता के भूकंप के मुख्य झटके के बाद भी एक दर्जन से ज्यादा झटके महसूस किए गए। भूकंप के इन झटकों का सिलसिला आज भी जारी रहा और इनमें सबसे जोरदार झटके की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.7 मापी गई। भूकंप की तबाही के मद्देनजर नेपाल में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। इस बीच, माउंट एवरेस्ट के पर्वतारोहियों ने बताया कि उन्होंने आज भी कई जगह हिमस्खलन देखे। आधार शिविर के पास एक जबरदस्त भूस्खलन भी हुआ है।

अकेले काठमांडो घाटी में 1053 लोगों के मरने की खबर है। मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश और उन्हें बचाने का प्रयास जारी है और अधिकारियों को अंदेशा है कि मृतकों की संख्या में और भी इजाफा हो सकता है। बचावकर्मी मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए भारी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। जगह जगह लोग हाथ से भी मलबा हटा कर लोगों को बचाने की कोशिश में जुटे हैं। बहरहाल, उनकी यह कोशिश भूकंप के ताजा झटकों और गरज के साथ बारिश से बाधित हो रही है।

मलबे के नीचे से लोगों को बचाने की इस मुहिम में स्थानीय लोगों के साथ सैलानी भी जुटे हैं। जब लोग मलबे में दफन किसी को जिंदा बचाने में कामयाब होते हैं तो खुशी की लहर दौड़ जाती है। भूकंप के इन झटकों ने बेइंतहा तबाही मचाई। भूकंप के कारण ऐतिहासिक धरहरा मीनार सहित बेशुमार इमारतें और मकान ध्वस्त हो गए। राजधानी काठमांडो के बीचों-बीच स्थित दरबार स्क्वायर भी नहीं बच पाया। मलबे के नीचे अनेक लोग दबे हैं।

अस्पतालों में घायलों की भीड़ है और सीमित संसाधनों के बावजूद वहां उनके इलाज की कोशिश की जा रही है। दर्जनों शव इन अस्पतालों में लाये गये हैं। भूकंप के लगातार झटकों से लोगों में इतनी दहशत फैल गयी कि कंपकपाती ठंड के बावजूद लोगों ने खुले आसमान के नीचे रात गुजारी। नेपाल के इतिहास में 80 साल से अधिक समय में यह सर्वाधिक भयावह प्राकृतिक आपदा बताई जाती है।

भूकंप के आज के ताजा झटके से जुड़ी प्राथमिक रिपोर्टों के अनुसार त्रिशुली पनबिजली परियोजना में एक गुफा ढह गई और अंदेशा है कि तकरीबन 60 श्रमिक उसमें फंसे हैं। इस बीच, भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकाप्टरों ने घायलों को निकालने के लिए पांच उड़ानें भरी। घायलों को सैन्य अस्पतालों में ले जाया गया है।

इस बीच, भूकंप से माउंट एवरेस्ट में हिमस्खलन से बर्फ के नीचे दब कर कम से कम 17 पर्वतारोहियों की मौत की रिपोर्ट है। इन पर्वतारोहियों में कई विदेशी भी हैं। यूएस जियोलोजिकल सर्वे के अनुसार ताजातरीन झटका भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर 10 किलोमीटर की गहराई में आया। यह झटका राजधानी काठमांडो से 114 किलोमीटर उत्तर चीन के तिब्बती स्वायत्तशासी क्षेत्र के निकट दर्ज किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार माउंट एवरेस्ट के आधार-शिविर तक जाने वाला रास्ता तबाह हो चुका है और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर वहां लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। वहां तकरीबन 100 लोग है और उन्हें सुरक्षित बताया जा रहा है। एक पर्वतारोही जिम डेविडसन ने बताया कि उसने माउंट एवरेस्ट के कैंप वन पर भूकंप का झटका महसूस किया।

डेविडसन ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, ‘बस अभी एवरेस्ट पर यहां सी1 पर एक और सबसे जबरदस्त झटका महसूस किया। मूल झटके से कम, लेकिन हिमनद थरथराए और हिमस्खलन हुआ।’ सातों महाद्वीपों में सबसे उंची चोटी फतह करने की कोशिश कर रहे 54 वर्षीय भारतीय अंकुर बहल भी अपने 11 सह-पर्वतारोहियों के साथ माउंट एवरेस्ट के कैंप-2 में फंसे हैं। बहल के दोस्तों ने नयी दिल्ली में बताया कि वह कल कैंप-1 से कैंप-2 गए थे, लेकिन भूकंप की वजह से अब फंसे हुए हैं।

इस बीच, भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप में मारे गए लोगों में दो भारतीय भी हैं। इनमें से एक भारतीय दूतावास के कर्मी की पुत्री है। भूकंप के कारण भारतीय दूतावास परिसर में स्थित एक मकान ध्वस्त हो गया जिससे सीपीडब्ल्यूडी के एक कर्मी की पुत्री की मौत हो गई। यहां स्थित बीर अस्पताल में एक और भारतीय की मौत की रिपोर्ट है।

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