NIA ने संभाली उरी आतंकी हमले की जांच; FIR दर्ज, जुटाए सबूत, US भेजा जाएगा आतंकियों का GPS सेट
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NIA ने संभाली उरी आतंकी हमले की जांच; FIR दर्ज, जुटाए सबूत, US भेजा जाएगा आतंकियों का GPS सेट

जम्‍मू-कश्‍मीर के उरी में सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संभाल ली है। एनआईए की टीम ने उरी पहुंचकर इस मामले की जांच शुरू कर दी है। एनआईए की 6 सदस्‍यीय टीम ने उरी आतंकी हमले की जांच तेज करते हुए इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया है। टीम ने मौके से कई सैंपल बरामद किए हैं, जिनमें आतंकियों के खून के नमूने भी हैं।

NIA ने संभाली उरी आतंकी हमले की जांच; FIR दर्ज, जुटाए सबूत, US भेजा जाएगा आतंकियों का GPS सेट

नई दिल्‍ली : जम्‍मू-कश्‍मीर के उरी में बीते रविवार को सेना मुख्यालय पर हुए भीषण आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संभाल ली है। एनआईए की टीम ने उरी पहुंचकर इस मामले की जांच शुरू कर दी है। उरी में सेना के प्रतिष्ठान पर हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए मंगलवार को मामला दर्ज किया। सेना प्रतिष्ठान पर चार पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था जिसमें 18 सैनिक शहीद हो गए और कई अन्य जख्मी हो गए थे।

एनआईए ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से जांच अपने हाथ में ली है जिसने रविवार को मामला दर्ज किया था और यहां से 102 किलोमीटर दूर उरी में सेना प्रतिष्ठान में मौजूद साक्ष्यों को जुटाना शुरू किया था। जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह के चार आतंकवादियों से हथियार और गोला बारूद के अलावा दो मोबाइल फोन और दो जीपीएस उपकरण बरामद किए थे।

एनआईए की 6 सदस्‍यीय टीम ने उरी आतंकी हमले की जांच तेज करते हुए इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया है। टीम ने मौके से कई सैंपल बरामद किए हैं, जिनमें आतंकियों के खून के नमूने भी हैं। (एनआईए) की टीम ने उरी में हमला स्थल से सुराग तथा अन्य सबूत जुटाने का काम शुरू कर दिया है। सेना इस हमले के दौरान बरामद सामान और सभी दस्‍तावेजों को एनआईए को सौंपेगी।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि उरी में डेरा डाले हुए एनआईए की टीम चार अज्ञात आतंकवादियों के डीएनए के नमूने जुटाएगी और राज्य एवं देश के विभिन्न जेलों में बंद जैश के आतंकवादियों को उनकी तस्वीरें दिखाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि चार में से दो शव कमर से नीचे जले हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि आग के कारण जहां एक जीपीएस उपकरण क्षतिग्रस्त हो गया है वहीं तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता से दूसरे जीपीएस की जांच हो रही है ताकि आतंकवादी जिस रास्ते से आए थे उनका पता लगाया जा सके और यह भी पता लगाया जा सके कि क्या स्थानीय स्तर पर उनको सहयोग मिला है।

सूत्रों के अनुसार, एनआईए इस हमले में दो रणनीतियों पर काम कर रही है। पहला यह कि आतकियों ने उरी में कैसे सुरक्षा लाइन को तोड़ा। दूसरा- क्‍या सेना के किसी आदमी ने सुरक्षा सूचना ली की। जांच के दौरान मिली चीजों में शामिल आतंकियों के जीपीएस सेट और नेविगेशनल मैप को एनआईए के हवाले करने के निर्देश दिए गए हैं। एनआईए ने फॉरेंसिक जांच के लिए जीपीएस सेट अमेरिका भेजने का फैसला किया है। जीपीएस सेट की फॉरेंसिक जांच के बाद ये पता चलेगा कि आतंकियों ने कब और किस रूट के जरिए भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे।

जिस स्थान पर हमला हुआ है वह नियंत्रण रेखा से महज छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सूत्रों ने बताया कि एनआईए की टीम दस्तावेज तैयार करेगी और चारों आतंकवादियों की पहचान साबित होते ही पाकिस्तान से औपचारिक आग्रह करेगी। सेना ने भी हमले की जांच शुरू की है जिसमें प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि हमले को अंजाम देने से कम से कम एक दिन पहले आतंकवादी इलाके में घुसे थे।

उरी आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की भागीदारी को साफ करने के लिए सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों को इस्तेमाल किया जाएगा। नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर इस काम में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए की मदद करेगा। सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों की मदद से उरी हमले की घटनास्थल का एक नक्शा बनाया जाएगा। सैटेलाइट के जरिए ली गई इस तस्वीर के जरिए पूरी आतंकी घटना को ठीक से समझने की कोशिश की जाएगी।

टीम जांच करके सुरक्षा खामियों का पता लगाएगी। साथ ही आतंकियों की ओर से इस्तेमाल किए गए रास्ते की पहचान भी करेगी। इस जांच का एक मकसद पाक के खिलाफ मजबूत सबूत जुटाना भी है। जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के पीछे एक बार फिर से पाक प्रायोजित आतंकियों के हाथ होने की बात सामने आ रही है। जांच में खामियों का पता लगाने के अलावा भविष्य में पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों से इस तरह के हमले से बचाव का भी सुझाव दिया जाएगा।

सेना के आला अधिकारियों के मुताबिक, उरी हमले में मारे गए चारों आतंकी विदेशी आतंकवादी थे और उनके पास मौजूद साजो सामान पर पाकिस्तान में निर्मित होने के निशान थे। शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिला कि वे जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) तंजीम से ताल्लुक रखते थे। मारे गए आतंकियों के पास से चार एके 47 राइफलें,  चार अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, आग फैलाने में काम आने वाला सफेद फॉस्फोरस पाउडर, पाक की छाप वाला खानपीन का सामान, कैंप और आसपास के इलाके का नक्शा बरामद हुआ है।

रविवार को हुए हमले में एक और जख्मी सैनिक की मौत होने के साथ ही शहीदों की कुल संख्या 18 हो गई। जम्मू-कश्मीर में सेना पर हुए हमले पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी कड़ी निंदा की थी।

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