पौधों की सिंचाई के लिए पेशाब का इस्‍तेमाल करते हैं नितिन गडकरी
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पौधों की सिंचाई के लिए पेशाब का इस्‍तेमाल करते हैं नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बागवानी को लेकर अब एक अनूठा प्रयोग लोगों के साथ साझा किया है। उनका कहना है कि पौधों के बेहतर विकास के लिए पेशाब (यूरिन) का इस्तेमाल करना चाहिए।

पौधों की सिंचाई के लिए पेशाब का इस्‍तेमाल करते हैं नितिन गडकरी

नागपुर : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बागवानी को लेकर अब एक अनूठा प्रयोग लोगों के साथ साझा किया है। उनका कहना है कि पौधों के बेहतर विकास के लिए पेशाब (यूरिन) का इस्तेमाल करना चाहिए।

नागपुर में बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित अपने घर पर वे लंबे समय से इस थैरेपी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्‍होंने पौधों की बेहतर परवरिश के लिए उन्हें पानी के बजाय पेशाब से सिंचने की सलाह दी। गडकरी इस कार्यक्रम में सूखे से प्रभावित लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वो अपने दिल्ली आवास में पौधों की सिंचाई के लिए पेशाब का इस्तेमाल करते हैं और वो इस थैरेपी का इस्तेमाल लंबे समय से कर रहे हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं हर दिन करीब 50 लीटर पेशाब इकट्ठा करता हूं। फिर इनका इस्तेमाल मेरे दिल्ली आवास में लगे पौधों को सींचने के लिए किया जाता है। मुझे यह बताने में थोड़ा अजीब लग रहा है, लेकिन मैं इसके बारे में आपको बताना चाहता हूं कि मैंने इसका प्रयोग किया है। मैंने अपने दिल्ली आवास पर कुछ पौधों में पेशाब डाला था और वो अन्य पौधों की तुलना में डेढ़ गुणा ज्यादा बड़े हो रहे थे। उन्‍होंने कहा कि यह 'पेशाब चिकित्सा विधि' बहुत कारगर है और साधारण पानी के मुकाबले पौधों को ज्यादा स्वस्थ बनाती हैं। गडकरी ने कहा कि पेशाब में प्रचूर मात्रा में यूरिया और नाइट्रोजन यौगिक होते हैं और ये पौधों के लिए पोषण का काम करते हैं।

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