RJD के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ अपील नहीं करेगी नीतीश सरकार
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RJD के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ अपील नहीं करेगी नीतीश सरकार

राजद के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई को लेकर राजनीतिक सरगर्मी काफी बढ़ गई है। शहाबुदीन की जमानत के खिलाफ नीतीश सरकार अपील नहीं करेगी। बिहार के कानून मंत्री कृष्‍णनंदन प्रसाद वर्मा ने आज कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की कोई योजना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में अपील की बात कहां से आई, ऐसी किसी बात की जानकारी मुझे नहीं है।

RJD के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ अपील नहीं करेगी नीतीश सरकार

पटना/नई दिल्‍ली : राजद के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई को लेकर राजनीतिक सरगर्मी काफी बढ़ गई है। शहाबुदीन की जमानत के खिलाफ नीतीश सरकार अपील नहीं करेगी। बिहार के कानून मंत्री कृष्‍णनंदन प्रसाद वर्मा ने आज कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की कोई योजना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में अपील की बात कहां से आई, ऐसी किसी बात की जानकारी मुझे नहीं है।

इससे पहले, इस मामले में विपक्ष की ओर से हो रहे लगातार हमले के बाद ऐसी संभावना जताई रही थी कि नीतीश सरकार शहाबुद्दीन की रिहाई और उसे मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। नीतीश सरकार शहाबुद्दीन की जमानत को लेकर पटना हाईकोर्ट के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। बता दें कि शहाबुद्दीन की जमानत के बाद बिहार का राजनीतिक पारा चरम पर है। बिहार में महागठबंधन में भी घमासान मचा हुआ है। अब सबकी नजर बिहार सरकार के अगले कदम पर है।

एक जेडीयू नेता ने बुधवार को इस बारे में स्पष्ट संकेत दिया था कि निचली अदालतों के फैसले के खिलाफ सरकारें अपील करती रही हैं और यह एक सामान्य बात है। सभी अपराधियों के मामले में हमारी नीति एक जैसी है। यह भी कहा जा रहा है कि बिहार सरकार शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण की अपील का विरोध नहीं करेगी। गौरतलब है कि जेल से निकलते ही शहाबुद्दीन ने सीएम नीतीश कुमार को निशाने पर लिया था। उसने कहा था कि नीतीश सिर्फ परिस्थितियों के सीएम हैं और जनता के नेता नहीं हैं। जबकि इस मौके पर उसने साफ तौर पर राजद सुप्रीमो लालू यादव को अपना नेता बनाया था। आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी शहाबुद्दीन के सुर में सुर मिलाए थे, जिसके बाद महागठबंधन में आरोप प्रत्‍यारोप तेज हो गए।

इसके बाद सरकार निशाने पर थी और सूत्रों की ओर से खबर आई थी कि शहाबुद्दीन पर क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाया जा सकता है। लेकिन, बाद में खबर आई कि सरकार ने ऐसा कोई फैसला फिलहाल नहीं किया है।
 
उधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने जेल से रिहा राजद के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को राज्य बदर किए जाने की मांग करते हुए मंगलवार को कहा था कि शहाबुद्दीन और सुशासन साथ-साथ नहीं चल सकते। सुशील ने शहाबुद्दीन पर सीसीए लगाए जाने की अपनी मांग को दोहराया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि इस प्रक्रिया पूरी होने तक क्या वे उन्हें बिहार से बदर करेंगे? भाजपा ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर आरोप लगाया कि उसने गैंगेस्टर से राजनीतिज्ञ बने मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ अदालत में एक ‘कमजोर मामला’ पेश करके उनकी जमानत में भूमिका निभायी। भाजपा ने साथ ही कहा कि इस घटनाक्रम से यह पता चलता है कि राज्य ‘जंगलराज’ की ओर जा रहा है। शहाबुद्दीन हत्या के एक मामले के दोषी भी हैं।

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