लाभ के पद का मामला: AAP ने कहा, EC को PMO का लेटर बॉक्स नहीं बनना चाहिए
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लाभ के पद का मामला: AAP ने कहा, EC को PMO का लेटर बॉक्स नहीं बनना चाहिए

पार्टी नेता आशुतोष ने ट्वीट किया, ‘‘निर्वाचन आयोग को पीएमओ का लेटर बॉक्स नहीं बनना चाहिए. लेकिन आज के समय में यह वास्तविकता है.’’

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:  चुनाव आयोग द्वारा अपने 20 विधायकों को कथित तौर पर लाभ के पद पर काबिज रहने के कारण अयोग्य घोषित किये जाने की अनुशंसा से नाराज आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार (19 जनवरी) को कहा कि आयोग ‘इतना नीचे कभी नहीं गिरा’ था. पार्टी नेता आशुतोष ने ट्वीट किया, ‘‘निर्वाचन आयोग को पीएमओ का लेटर बॉक्स नहीं बनना चाहिए. लेकिन आज के समय में यह वास्तविकता है.’’ पत्रकारिता छोड़ राजनीति में उतरने वाले आशुतोष ने कहा, ‘‘(टी एन शेषन) के समय में रिपोर्टर के तौर पर चुनाव आयोग कवर करने वाला मेरा जैसा व्यक्ति कह सकता है कि निर्वाचन आयोग कभी इतना नीचे नहीं गिरा.’’ 

  1. आप के 20 विधायकों के कथित तौर पर लाभ के पद पर काबिज रहने का मामला.
  2. चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की अनुशंसा की है.
  3. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद रद्द हो सकती है अयोग्यता.

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वहीं दूसरी ओर आप के 20 विधायकों के कथित तौर पर लाभ के पद धारण करने को लेकर चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य घोषित करने की अनुशंसा के खिलाफ आप के विधायकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. आप विधायकों की याचिका कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की पीठ के समक्ष उल्लिखित की गई, जिस पर आज (शुक्रवार, 19 जनवरी) ही सुनवाई होगी.

उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने समझा जाता है कि राष्ट्रपति से आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को कथित तौर पर लाभ के पद पर काबिज रहने के कारण अयोग्य घोषित किये जाने की अनुशंसा की है. उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी गई अपनी राय में चुनाव आयोग ने कहा है कि संसदीय सचिव बनकर वे लाभ के पद पर हैं और दिल्ली विधानसभा के विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित होने योग्य हैं.

राष्ट्रपति आयोग की अनुशंसा मानने को बाध्य हैं. जिन मामलों में विधायकों या सांसदों की अयोग्यता की मांग वाली याचिकाएं दी जाती हैं, उन्हें राष्ट्रपति राय जानने के लिए चुनाव आयोग के पास भेजते हैं. चुनाव आयोग मामले पर अपनी राय भेजता है. वर्तमान मामले में 21 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिका दी गई थी, लेकिन एक ने कुछ महीने पहले इस्तीफा दे दिया था. बहरहाल, आयोग ने कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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