आरएसएस से संबद्ध संस्था ने भूमि विधेयक का किया विरोध
Advertisement

आरएसएस से संबद्ध संस्था ने भूमि विधेयक का किया विरोध

आरएसएस से संबद्ध एक अन्य संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने राजग सरकार द्वारा लाए गए भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करते कहा कि इसमें कई अरूचिकर एवं अस्वीकार्य खंड हैं। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति के समक्ष पेश होते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन के नेतृत्व में इसके प्रतिनिधिमंडल ने विधेयक में सहमति उपबंध एवं सामाजिक प्रभाव आकलन के प्रभावों को निकाल दिये जाने की आलोचना की।

नई दिल्ली : आरएसएस से संबद्ध एक अन्य संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने राजग सरकार द्वारा लाए गए भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करते कहा कि इसमें कई अरूचिकर एवं अस्वीकार्य खंड हैं। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति के समक्ष पेश होते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन के नेतृत्व में इसके प्रतिनिधिमंडल ने विधेयक में सहमति उपबंध एवं सामाजिक प्रभाव आकलन के प्रभावों को निकाल दिये जाने की आलोचना की।

सूत्रों ने बताया कि चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि किसी भी तरह के भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की सहमति सुनिश्चित की जानी चाहिए। उसने कहा कि भूमि अधिग्रहण से पहले संबंधित भूमि की आवश्यकता, सामाजिक एवं पर्यावरण प्रभाव का समग्र आकलन करवाया जाना चाहिए। स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि राजग सरकार 2013 के भूमि कानून की जगह अध्यादेश को अनावश्यक जल्दबाजी में लेकर आई। इस नए विधेयक में कई अरूचिकर एवं अस्वीकार्य खंड हैं। समिति के समक्ष इससे पहले आरएसएस से संबद्ध भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ एवं अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम ने विधेयक का विरोध किया था।

संसद की संयुक्त समिति ने अभी तक 52 व्यक्तियों एवं संस्थानों की राय सुनी है। उसके पास 510 ज्ञापन आ चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि समिति अगले कुछ दिनों में उपबंधों के आधार पर प्रावधानों की समीक्षा शुरू करेगी। स्वदेशी जागरण मंच के साथ ही आरएसएस से संबद्ध लगभग सभी संगठनों ने नये विधेयक में सहमति उपबंध एवं सामाजिक प्रभाव आकलन प्रावधान को हटाने का विरोध किया है।

Trending news