प्रतिष्ठित वृहद हैदराबाद नगर निगम चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने तेदेपा-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस को धूल चटाते हुए शानदार जीत दर्ज की।
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हैदराबाद: प्रतिष्ठित वृहद हैदराबाद नगर निगम चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने तेदेपा-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस को धूल चटाते हुए शानदार जीत दर्ज की।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली टीआरएस ने 2009 के पिछले निगम चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था। इस बार उसने 150 सदस्यों वाले सदन में 96 सीट पर अपनी जीत का झंडा गाड़ा। वह चार मंडलों में बढ़त बनाए हुए है।
नगर निगम का यह चुनाव दो दलीय मामला बन गया और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एमआईएम ने अभी तक 36 मंडलों में जीत हासिल की है। वह चार मंडलों में आगे है और इस तरह वह 43 सीटों की 2009 के अपने प्रदर्शन की बराबरी करने की कोशिश कर रही है।
वर्ष 2009 में एमआईएम ने कांग्रेस के साथ सत्ता की साझेदारी की थी। तब कांग्रेस को 55 सीटें मिली थीं। तेदेपा-भाजपा गठबंधन के लिए यह शर्मनाक हार है। 2009 में दोनों को मिला कर 50 पार्षद थे। भाजपा को तीन सीटें मिली हैं जबकि तेदेपा और कांग्रेस को एक एक सीट से संतोष करना पड़ा है।
केसी राव ने चुनावी नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘यहां हमेशा विभाजित नतीजा रहा है। मैं इस जीत के लिए लोगों, टीआरएस नेताओं और कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा करता हूं।’