विरोध के बाद तमिल लेखक ने लिखना छोड़ा, फेसबुक पर खुद के मौत की घोषणा की
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विरोध के बाद तमिल लेखक ने लिखना छोड़ा, फेसबुक पर खुद के मौत की घोषणा की

तमिल साहित्य के नामचीन लेखक 48 वर्षीय पेरुमल मुरुगन ने सोमवार रात को अपनी फेसबुक वॉल पर एक सुसाईड नोट लिखा। नोट में लिखा है कि लेखक पी. मुरुगन की मौत हो चुकी है। वह भगवान नहीं है। वह फिर नहीं आएगा। इसलिए अब सिर्फ पी. मुरुगन, एक शिक्षक जिंदा है।

विरोध के बाद तमिल लेखक ने लिखना छोड़ा, फेसबुक पर खुद के मौत की घोषणा की

चेन्नई: तमिल साहित्य के नामचीन लेखक 48 वर्षीय पेरुमल मुरुगन ने सोमवार रात को अपनी फेसबुक वॉल पर एक सुसाईड नोट लिखा। नोट में लिखा है कि लेखक पी. मुरुगन की मौत हो चुकी है। वह भगवान नहीं है। वह फिर नहीं आएगा। इसलिए अब सिर्फ पी. मुरुगन, एक शिक्षक जिंदा है।

दरअसल 4 पुस्तकों के चर्चित तमिल लेखक पेरुमल मुरूगन के एक उपन्यास से उपजे बवाल के बाद उन्होंने ऐसा लिख डाला। क्यों इस उपन्यास का घोर विरोध हो रहा है। इसे समाज-विरोधी माना गया और विरोधियों ने उनसे उपन्यास वापस लेने के लिए उन्हें विवश कर दिया। जिससे आहत होकर उन्होंने फेसबुक पर अपनी मौत के बारे में लिख दिया।

पेरुमल मुरूगन ने तंग आकर अपनी फेसबुक वॉल पर एक सुसाइड नोट लिखा है कि लेखक पेरुमल मुरूगन मर गया है। उन्होंने अपनी सारी पुस्तकें वापस ले ली हैं और पाठकों से अपील की है कि वे उनकी समस्त पुस्तकें जला दें तथा प्रकाशक उनकी पुस्तकें न बेचें। नोट में उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया गया है जिन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी और उनके उपन्यास का समर्थन किया है। मुरुगन का नाम तमिल साहित्य के महान लेखकों में गिना जाता है। अपनी किताबों में उन्होंने कई सामाजिक कुरीतियों जैसे जाति-पांति और भेदभाव पर गहरी चोट की है।

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