माधव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मणिक सरकार भ्रष्ट, अपराधी और उत्पीड़क पार्टी कायकर्ताओं के ‘संरक्षक’ बने हुए हैं.
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अगरतला: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने बीते शुक्रवार (9 फरवरी) को कहा है कि उनकी पार्टी त्रिपुरा को माकपा के ‘कुशासन’ से मुक्त कराना चाहती है. उन्होंने राज्य के मतदाताओं से बिना किसी डर के अपने मत का प्रयोग करने की अपील करते हुए विश्वास जताया कि भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन को 18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल होगी. सत्तारूढ़ वाम मोर्चा पिछले 25 साल से त्रिपुरा में सत्ता में है. माधव ने ‘चार्जशीट’ नाम का चुनाव प्रचार बुकलेट जारी करते हुए आरोप लगाया कि त्रिपुरा में अपराध दर देश भर में ‘ज्यादा’ है और यहां कानून-व्यवस्था का नियंत्रण माकपा के कार्यकर्ता करते हैं.
माधव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मणिक सरकार भ्रष्ट, अपराधी और उत्पीड़क पार्टी कायकर्ताओं के ‘संरक्षक’ बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली 11 फरवरी को अगरतला का दौरा करेंगे. माधव ने बताया कि भाजपा का चुनाव प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15 फरवरी की रैली के साथ समाप्त होगा.
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मोदी केवल भाजपा नेता की तरह बात करते हैं : कांग्रेस, माकपा
वहीं दूसरी ओर त्रिपुरा में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा और विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार (9 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता की तरह बात करने और तथ्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. मोदी ने बीते 8 फरवरी को त्रिपुरा में अपने भाषण के दौरान माकपा सरकार पर जमकर निशाना साधा था. कांग्रेस महासचिव सी.पी. जोशी ने पत्रकारों से कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा नेता के जैसे भाषण देते हैं और उनके भाषण तथ्यों पर आधारित नहीं होते हैं. उनकी सरकार के कुशासन और पिछले चार वर्षो में भाजपा की नकारात्मक भूमिका के लिए उन्हें किसी और की आलोचना नहीं करनी चाहिए."
माकपा नेताओं ने की पीएम मोदी के भाषण की आलोचना
मोदी के भाषण की कड़ी आलोचना करते हुए, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं ने कहा कि मोदी को इस पर कम से एक शब्द बोलना चाहिए था कि किस आधार पर भाजपा ने इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ चुनावी गठबंधन किया जो एक अलग राज्य की मांग कर रही है. राज्य में अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने वाले जोशी ने कहा कि किसी पार्टी या सरकार की आलोचना करने से पहले, प्रधानमंत्री को अपनी पार्टी और सरकार का अवलोकन करना चाहिए. उन्होंने कहा, "गुजरात में पूरी ताकत लगाने के बाद और हालिया चुनावों में भी भाजपा को अच्छे नतीजे नहीं मिले हैं क्योंकि लोग भाजपा नेताओं के फर्जी वादे नहीं सुनना चाहते."