पाकिस्तानी सिराज खान को 23 साल बाद मुंबई से देश निकाला, पत्नी ने की केंद्र से वापस लाने की फरियाद
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पाकिस्तानी सिराज खान को 23 साल बाद मुंबई से देश निकाला, पत्नी ने की केंद्र से वापस लाने की फरियाद

साजिदा खान जिसने 2005 में मुंबई में सिराज से शादी की थी, ने भारत सरकार से कहा कि वह उसके पति को भारतीय नागरिकता दे या फिर परिवार को भी पाकिस्तान जाने दे.

पाकिस्तानी नागरिक सिराज खान की पत्नी साजिदा खान अपने बच्चे के साथ. (ANI)

मुंबई: पाकिस्तानी नागरिक सिराज खान जिसे 23 साल के बाद कोर्ट के आदेश पर मुंबई से वापस उसके मुल्क भेज दिया गया, की पत्नी साजिदा खान ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. सिराज जो कि करीब 10 साल की उम्र से भारत में गैरकानूनी तरीके से रह रहा था, को बीते 10 मार्च को वापस पाकिस्तान भेज दिया गया. साजिदा खान जिसने 2005 में मुंबई में सिराज से शादी की थी, ने भारत सरकार से कहा कि वह उसके पति को भारतीय नागरिकता दे या फिर परिवार को भी पाकिस्तान जाने दे. साजिदा के तीन बच्चे हैं.

  1. 10 साल की उम्र में भारत आया था सिराज खान.
  2. सिराज ने 2005 में साजिदा से की शादी.
  3. सिराज खान को 10 मार्च को वापस भेज दिया गया.

उन्होंने कहा, वह (सिराज) 10 साल की उम्र में भारत आया था. हमने 2005 में शादी की और तब से साथ रहते हैं. उसे 10 मार्च को वापस भेज दिया गया. हम उनके साथ रहना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि या तो उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाए या फिर हमें उनके पास जाने की इजाजत मिले. हम इस केस को लेकर लड़ रहे हैं.' अदालत के आदेश के बाद सिराज जो कि भारत में गैर-कानूनी तरीके से रह रहा था, पुलिस की एक टीम उसे लेकर पंजाब के अमृतसर में अटारी बॉर्डर ले गई, जहां से कुछ औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसे पाकिस्तान भेज दिया गया.

संदिग्ध आतंकियों की मदद करने के आरोप में तीन बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गये
वहीं दूसरी ओर राज्य के आतंकवाद रोधी स्क्वॉड (एटीएस) ने आतंकी समूह अनसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के संदिग्ध आतंकियों को कथित तौर पर शरण देने के आरोप में पुणे से बांग्लादेश के तीन नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया. अनसारुल्लाह बांग्ला टीम( एबीटी) बांग्लादेश का चरमपंथी इस्लामी संगठन है. अधिकारी ने बताया कि खुद भारत में अवैध रूप से रह रहे गिरफ्तार आरोपियों ने एबीटी के सदस्यों को शरण दी.

महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी स्क्वाड (एटीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'तीनों बांग्लादेशी नागरिक किसी यात्रा दस्तावेज के बगैर पिछले पांच साल से यहां वानावाडी और आकुर्डी इलाके में रह रहे थे.' उन्होंने बताया कि एबीटी बांग्लादेश में अल- कायदा से प्रेरित इस्लामिक चरमपंथी समूह है.

उन्होंने बताया, 'तीनों आरोपियों की उम्र 25 से 31 साल के बीच है औरवे बांग्लादेश के खुलना या शरियतपुर के रहने वाले हैं.' अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि पुणे प्रवास के दौरान उन्होंने एबीटी के सदस्यों को शरण और अन्य मदद मुहैया करायी थी.

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