वाहनों में क्रैश गार्ड लगाने के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर
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वाहनों में क्रैश गार्ड लगाने के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर

याचिकाकर्ताओं ने अदालत से क्रैश गार्ड के इस्तेमाल और मेटल बम्पर लगे वाहनों के संचालन पर रोक लगाने के लिए मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की है

वाहनों में क्रैश गार्ड लगाने के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर यह दावा किया गया कि वाहनों के आगे और पीछे लगाए जाने वाले क्रैश गार्ड या मेटल बम्पर यात्रियों के साथ-साथ पैदल चलने वाले लोगों की जान के लिए खतरा हैं तथा इन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. अदालत ने इस पर केंद्र से जवाब मांगा. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने सड़क परिवहन मंत्रालय और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) को नोटिस भेजकर उनसे इस मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट करने के लिए कहा.

याचिका पर सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख तय की गई है. याचिका में दावा किया गया है कि हालांकि ये बम्पर आकर्षक लग सकते हैं तथा धीमी गति में होने वाली टक्कर की स्थिति में वाहन की रक्षा कर सकते हैं लेकिन वाहन के तेज गति में होने के दौरान होने वाली दुर्घटना में ये कार के सुरक्षा मानकों को विफल कर देते हैं जिससे यात्रियों को गंभीर और जानलेवा चोटें आ सकती हैं.

याचिकाकर्ता आर्शी कपूर और सिद्धार्थ बागला ने दलील दी कि कम या तेज गति से आ रहे वाहनों के क्रेश गार्ड राहगीरों को टक्कर मार सकते हैं जिससे उन्हें गंभीर चोटें आ सकती हैं और उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से क्रैश गार्ड के इस्तेमाल और मेटल बम्पर लगे वाहनों के संचालन पर रोक लगाने के लिए मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की है.

इसमें आईआरडीए को यह निर्देश देने की भी मांग की गई कि वे क्रैश गार्ड या कोई अन्य उपकरण जिससे किसी वाहन में लगे सुरक्षा मानकों को नुकसान पहुंचता है, उन्हें लगाने वाले मोटर वाहनों का बीमा ना करें.

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