भारत को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों की आवश्यकता : पॉल
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भारत को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों की आवश्यकता : पॉल

विश्व के शीर्ष 200 शैक्षणिक संस्थानों की सूची में भारत के किसी शिक्षण संस्थान के शामिल नहीं होने पर प्रवासी भारतीय उद्योगपति लॉर्ड स्वराज ने चिंता व्यक्त की है और जोर देकर कहा है कि यदि भारत विश्व में ‘मजबूत आवाज’ के साथ खड़ा होना चाहता है तो उसे विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है।

नई दिल्ली : विश्व के शीर्ष 200 शैक्षणिक संस्थानों की सूची में भारत के किसी शिक्षण संस्थान के शामिल नहीं होने पर प्रवासी भारतीय उद्योगपति लॉर्ड स्वराज ने चिंता व्यक्त की है और जोर देकर कहा है कि यदि भारत विश्व में ‘मजबूत आवाज’ के साथ खड़ा होना चाहता है तो उसे विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ वोल्वरहैंप्टन के कुलाधिपति पॉल ने कई भारतीय संस्थानों में शिक्षा स्तर ‘मानक स्तर से नीचे होने’ का जिक्र किया और उनका आह्वान किया कि वे यूनिवर्सिटी की रैंकिंग प्रक्रिया पर अधिक गंभीर हों और ‘विश्वस्तरीय’ स्तर हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करें। एपीजे सत्य यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में ‘शिक्षा में अंतरराष्ट्रवाद’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कपारो समूह के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की भी सराहना की।

पॉल ने कहा, ‘हमें इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाना चाहिए। यदि भारत विश्व में मजबूत आवाज रखना चाहता है तो उसे मजबूत, विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है।’ उन्होंने शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान एवं विकास पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के जोर और विदेशी विश्वविद्यालयों से व्यापक अंतरराष्ट्रीय संपर्क स्थापित करने के उनके आह्वान का भी जिक्र किया।

 

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